पंचायत चुनाव में हार का करना पड़ा था सामना, राजीव बनर्जी के साथ पहले से हैं 36 का आंकड़ा
हावड़ा. डोमजूर विधानसभा सीट से कल्याण घोष उम्मीदवार बनाये गये हैं. इस सीट से किसी भी हाल में जीत हासिल करना उनके लिए आन-बान- शान की लड़ाई होगी. अगर इस सीट से भाजपा राजीव बनर्जी को प्रत्याशी बनाती है, तो निश्चित रूप से यह चुनावी लड़ाई काफी रोमांचक होगी. डोमजूर सीट सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि कल्याण घोष के लिए भी अस्मिता से जुड़ी हुई है. पूर्व तृणमूल नेता राजीव बनर्जी के साथ उनका 36 का आकंड़ा बहुत पहले से जगजाहिर है. खुद ममता बनर्जी भी इससे वाकिफ हैं. दो साल पहले पार्टी से नाराज चल रहे श्री घोष को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शरत-सदन में आयोजित प्रशासनिक बैठक में मन को शांत रखकर काम करने की सलाह दी थी.
क्या था मामला-
वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव में 38 नंबर बूथ से खड़े तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कल्याण घोष भारी मतों से पराजित हुए थे. निर्दल उम्मीदवार जमालुद्दीन मल्लिक ने उन्हें 22 हजार मतों से पराजित किया था. यह हार उन्हें किसी राजनीतिक दल के उम्मीदवार से नहीं मिली थी. एक निर्दल उम्मीदवार से उन्हें हराया था. बताया जाता है कि कल्याण घोष के इस हार के पीछे पूर्व तृणमूल विधायक राजीव बनर्जी का अहम योगदान था. श्री घोष किसी भी हाल में नहीं जीते, इसके लिए श्री बनर्जी ने पूरी कोशिश की थी और वह सफल भी रहे. कल्याण घोष स्थानीय विधायक के खिलाफ कुछ नहीं कर सके और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. श्री घोष ने इस पूरी घटना की जानकारी पार्टी के शीर्ष नेताओं को लिखित रूप से दी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए राजीव बनर्जी को फटकार भी लगायी थी. श्री घोष को सहकारिता मंत्री अरूप राय के करीबी होने के कारण टिकट मिला था, जो राजीव बनर्जी को मंजूर नहीं था.
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टिकट मिलने पर कल्याण घोष ने कहा कि मैं राजीव बनर्जी को इस सीट से लड़ने के लिए चुनौती देता हूं. चार्टड प्लेन पर बैठने से कोई बड़ा नेता नहीं बन जाता है. वह इस सीट से चुनाव लड़ कर दिखाये, उनकी जमामत जब्त करके दिल्ली भेज दूंगा. भाजपा इस सीट से श्री बनर्जी को उम्मीदवार बनायेंगे कि नहीं, इसका इंतजार सभी को है, लेकिन संभावना यही है कि राजीव इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे.