उमेश तिवारी
हावड़ा ः उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने एक जरूरतमंद व्यक्ति को अपने ओला कैब से उसके घर छोड़ा था। पुलिस को बस यही बात नागवार गुजरी और उसने उस ओला कैब चालक की इतनी बेरहमी से पिटाई कि उसे इलाज के लिए अस्पताल का शरण लेना पड़ा। ओला चालक का नाम पप्पू सिंह है। वह हावड़ा के शालीमार अंचल में रहता है। उसने कथिततौर पर आरोप लगाया कि बीती रात उसे बसीरहाट की पुलिस ने यह कहकर डंडो से पीटा कि वह रात में सवारी क्यों ढोता है। चालक के शरीर पर अलग-अलग जगह चोट के निशान भी। उसकी कार का शीशा भी टूटा हुआ था।
क्या है घटना ः पप्पू सिंह ने बताया कि वह ओला चालक है। शनिवार राच वह न्यूटाउन से किराए पर एक व्यक्ति को लेकर बशीरहाट गया था। वहां पर यात्री को उतारने के बाद पुलिस ने मटिया नामक स्थान पर उसकी कार रोक दी। और बिना कोई सवाल किए देर रात गाड़ी चलाने पर उसकी पिटाई कर दी। सिर्फ बंगाल पुलिस ही नहीं साथ रहनेवाले ग्रीन पुलिस ने भी उसपर हाथ साफ किया। यहां तक कि यात्री को भी पीटा गया।
इस घटना के बाद रविवार को पप्पू सिंह ने हावड़ा के सरकारी अस्पताल में इलाज कराया। इस घटना खिलाफ पप्पू ने जब स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराना चाहा तो पुलिस ने यह कहकर शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया कि यह बसीरहाट थाने का मामला है। जिस थाना इलाके में यह घटना हुई, वहां शिकायत दर्ज कराने को कहा गया है। लेकिन फिर से मुसीबत में फंसने के डर से चालक उस थाने में जाना चाहता।
पप्पू सिंह ने कहा कि उन्हें रात में गाड़ी चलाने की अनुमति है। इसके बावजूद पुलिस ने उसे इस तरह पीटा कि वह दहशत में आ गया।
उन्होंने अपनी एसोसिएशन वेस्ट बंगाल ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड को पूरी घटना बताई है।