कोलकाता, संवाददाता : बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 54वीं के जवानों ने बहादुरी का परिचय दिया है। अपनी जान पर खेलकर जवानों ने तस्करों से लड़ते हुए उसके मंसूबे को विफल कर दिया। इस दौरान तस्करी में असफल होने पर हताश तस्करों के दल ने धारदार हथियारों और डंडों से ड्यूटी पर तैनात जवानों पर हमला कर दिया। इसमें दो जवान बुरी तरह घायल हो गया है। इसमें एक जवान के सिर फट गए हैं। हालांकि गंभीर रूप से घायल होने व रक्तरंजित अवस्था में भी जवान ने जान पर खेलकर लड़ाई जारी रखते हुए जहांगीर आलम मंडल (35) नामक एक तस्कर को 504 बोतल प्रतिबंधित फेंसेडिल कफ सिरप के साथ दबोच लिया। इसके बाद बाकी तस्करों ने साथी को छुड़ाने के लिए अपना हमला जारी रखा, जिसके पश्चात एक दूसरे जवान ने स्वयं और अपने साथी को बचाने के लिए गैर घातक हथियार से फायरिंग की। उसके बाद बाकी तस्कर मौके से भाग निकले। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। यह घटना नदिया के सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात 54वीं वाहिनी की सीमा चौकी मटियारी इलाके में बुधवार देर रात घटी। अधिकारियों ने बताया कि तस्कर रात के अंधेरे में जबरन तस्करी की फिराक में थे। तस्करों के समूह की अगुवाई मिलन मंडल कर रहा था, जो भागने में सफल रहा। इधर, घायल जवान और पकड़े गए तस्कर को प्राथमिक उपचार देने के बाद सरकारी कृष्णागंज अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दरअसल, तस्करों द्वारा जवानों पर किए गए हमले के दौरान गिरफ्तार तस्कर जहांगीर आलम भी घायल हो गया, जो नदिया जिले का ही रहने वाला है। बीएसएफ के अनुसार, तस्कर के पा से जब्त फेंसेडिल की कीमत करीब 1,03,476 रुपये आंकी गई है।
नौ तस्करों ने एक साथ जवानों पर किया था हमला
इधर, पकड़े गए तस्कर ने पूछताछ के दौरान बीएसएफ को बताया कि उसके साथ नौ लोग थे, जिन्होंने जवानों पर हमला किया। सभी फेंसेडिल की तस्करी करने वाले थे। इधर, बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पकड़े गए तस्कर को जब्त सामान के साथ कृष्णागंज थाने के हवाले कर दिया है। वहीं, बीएसएफ ने उसके अन्य साथियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जवान ड्यूटी के लिए जान न्यौछावर करने का रखते है मादा : अधिकारी
इधर, इस प्रकरण पर 54वीं वाहिनी बीएसएफ के कमांडिंग आफिसर ने बताया कि हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और तस्करी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे जवान अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने का मादा रखते हैं।