कोलकाता : बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने गुरुवार को पुलिस महकमे में एक बार फिर फेरबदल किया। इसमें विधाननगर व सिलीगुड़ी कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्तों (सीपी) के साथ पांच आइपीएस अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया है। इस फेरबदल में सबसे प्रमुख नाम सुप्रतीम सरकार का है, जिन्हें विधाननगर के सीपी पद से हटाकर राज्य के ट्रैफिक विभाग का एडीजी बना दिया गया है। गौरतलब है कि कोलकाता के बागुईहाटी इलाके में हाल में दो छात्रों के अपहरण के बाद हत्या की घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे थे। दोनों छात्रों की हत्या अपहरण के दिन ही कर दी गई थी और अगले दिन शव बरामद होने के बाद बशीरहाट पुलिस के मुर्दाघर में करीब दो हफ्ते तक इनके शव लावारिस हालत में पड़े रहे, पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी।बाद में अपहरण में शामिल एक आरोपित की गिरफ्तारी के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था जिसके बाद स्वजनों ने शव की पहचान की थी। इस घटना में पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलिस की भूमिका पर काफी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशासनिक बैठक के दौरान विधाननगर के पुलिस आयुक्त सुप्रतीम सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। इस बीच अब सीपी पद से उन्हें हटा दिया गया है। उनके तबादले को इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि बागुईहाटी अपहरण कांड की गाज उन पर गिरी है। राज्य गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सुप्रतीम सरकार की जगह सिलीगुड़ी कमिश्नरेट के सीपी पद पर तैनात गौरव शर्मा को विधाननगर का नया सीपी बनाया गया है। वहीं, अखिलेश कुमार चतुर्वेदी को सिलीगुड़ी का नया सीपी नियुक्त किया गया है। चतुर्वेदी इससे पहले कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (इस्टैबलिशमेंट) के पद पर थे। इसके अलावा कोलकाता के नार्थ डिवीजन की उपायुक्त (डीसी) जोयता बोस को बनगांव पुलिस जिला का एसपी बनाया गया है। वहीं, बनगांव पुलिस जिला के एसपी तरुण हल्दर को उनकी जगह नार्थ डिवीजन का डीसी नियुक्त किया गया है।
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