कोलकाता, संवाददाता : पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। नवंबर, 2021 में केंद्रीय राज्यमंत्री (पीपी) डा जितेंद्र सिंह ने किसी भी एंड्राइड मोबाइल फोन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस आथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया था। सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और सीजीएचएस वेलनेस केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘सुविधापूर्ण जीवन’ सुनिश्चित करने के लिए, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र/फेस आथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें।इसी क्रम में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 23 नवंबर को बंगाल के हुगली जिले के श्रीरामपुर में 58, एनएन राय स्ट्रीट स्थित एसबीआइ शाखा में एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया।
एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक, आरबीओ 2, श्रीरामपुर जयंत मणि ने इस शिविर का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर तरुण नेगी, सहायक महाप्रबंधक (लोटस), भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय, कोलकाता, दीप चक्रवर्ती, मुख्य प्रबंधक, श्रीरामपुर शाखा, प्रसून होरे, सहायक प्रबंधक, यूआइडीएआइ, ताराशंकर घोष, लेखा अधिकारी, डीपीडीओ सहित बड़ी संख्या में पेंशनभोगी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान में पेंशनभोगियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए इसी तरह का शिविर गुरुवार को हावड़ा में भी एसबीआइ द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।
जीवन प्रमाणपत्र के संबंध में पेंशनभोगियों का किया गया मार्गदर्शन
अपने मोबाइल फोन में फेस आथेंटिकेशन जीवन प्रमाण ऐप डाउनलोड करने और अपने फोन से जीवन प्रमाणपत्र देने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पेंशनभोगियों का मार्गदर्शन किया गया। जीवन प्रमाणपत्र 60 सेकंड के भीतर जेनरेट होता है और मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा जाता है जहां से इसे डाउनलोड किया जा सकता है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि पहले जीवन प्रमाणपत्र व्यक्तिगत रूप से देने के लिए वृद्ध पेंशनभोगियों को बैंकों के बाहर कतारों में घंटों खड़ा होना पड़ता था। अब, यह उनके घर से ही आसानी से एक बटन के क्लिक पर संभव हो गया है। उन्होंने इसे भारत सरकार द्वारा डिजिटल दुनिया में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
आधार, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर व बैंक खाता आवश्यक
अधिकारी ने बताया कि मोबाइल द्वारा फेस आथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया में आधार संख्या, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर, बैंक या डाकघर के खाता संख्या का ब्यौरा पहली बार आवश्यक हैं। यह सुविधा राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध है। इस अभियान में एसबीआइ हुगली के अधिकारीगण, पेंशनभोगी संघ, इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय/एनआइसी, पीआइबी और युआइडीएआइ के प्रतिनिधि सक्रियता से अपना सहयोग दे रहे हैं तथा इस अभियान का प्रचार कर रहे हैं।
जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पूरे नवंबर माह में चलाया जा रहा अभियान
अवर सचिव ने आयोजन के दौरान सभी प्रतिनिधियों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि विभाग फेस आथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पूरे नवंबर माह में अभियान चला रहा है।केंद्रीय दल ने सभी पेंशनभोगियों से विभाग के यूटयूब चैनल DOPPW_INDIA OFFICIAL को देखने का आग्रह किया जहां फेस आथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में दो वीडीयो अपलोड किए गए हैं। बता दें कि हर साल नवंबर माह में पेंशन भोगियों को जीवन प्रमाणपत्र जमा देना होता है।