जाहिद अनवर राजु
*दरभंगा*–शनिवार को राजद जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव के आयोजन में दो प्रखंडों में अंबेडकर परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित की गई। केवटी में प्रखंड प्रधान महासचिव बदरे आलम बदर के अध्यक्षता में तथा कार्यकारी प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप कुमार पंकज के संचालन में, पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धकी पूर्व विधायक भोला यादव शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुमर राय, जिलाध्यक्ष उदय शंकर यादव, अमरेश कुमार अमर, महिला प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष यास्मिन खातुन, मोहन यादव तथा बिरौल प्रखंड में कैलाश साह के अध्यक्षता में पूर्व मंत्री श्याम रजक, जिला प्रधान महासचिव अफजल अली, गणेश भारती, मुख्य वक्ता रहे। श्याम रजक ने कहा कि समाज को जाति के आधार पर बांटने वाली यथास्थितिवादी शक्तियां, एक तरफ बाबासाहेब की जयंती मनाने का ढोंग करती है वहीं दूसरी तरफ मनुवादियों द्वारा पोषित विचारों से उत्पन्न भेदभाव व प्रताड़ना का शिकार होकर देश के उच्च शिक्षण संस्थानों आई.आई.टी., आई.आई.एम. के अन्य में अध्ययनरत वंचित एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के होनहार 122 छात्र आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। दिखावे के लिए बाबा साहब का जय-जयकार एवं दूसरी तरफ बाबासाहेब के विचारों के इतिहास से मिटाने की साजिश रचने वाली आरएसएस एवं भाजपा के लोग दलित पिछड़े गरीब शोषित एवं वंचित समाज को बाबासाहेब के विचारों एवं सिद्धांतों से दूर ले जा रहे हैं यही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
एक तरफ देश के सर्वोच्च पद पर बैठे दो गुजराती देश की संपत्ति को बेच रहे हैं वहीं दूसरी तरफ दो गुजरात में उसे कौड़ियों के भाव में खरीद रहे हैं। मोदी सरकार सही मायने में अदानी-अंबानी की सरकार है एवं उनके इस मॉडल से देश फिर से इस्ट इंडिया कंपनी वाली इतिहास की तरह गुलामी की ओर बढ़ रहा है। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने राष्ट्रीय जनता दल के सभी सम्मानित नेताओं कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि बाबासाहेब के विचारों पर चलने उनके विचारों की विरोधी मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेने के लिए लोगों को प्रेरित करें। भूख, बेकार, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, कुपोषण एवं महंगाई की समस्या से परेशान दलित पिछड़े गरीब शोषित एवं वंचित समाज के बस्तियों में जाकर उनका दु:ख बांटकर उनकी मदद करने एवं उनके साथ भाईचारा व प्रेम स्थापित करने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। उदय शंकर यादव ने कहा की बाबा साहब के संविधान द्वारा देश में बने अनेक संवैधानिक संस्थानों यथा संसद, उच्चतम न्यायालय एवं चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को मोदी सरकार सीबीआई इनकम टैक्स एवं ईडी के माध्यम से कुचलना चाहती है। संसद में विपक्ष की आवाज दवाई जा रही है एवं विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय एवं चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र संस्थाओं पर अंकुश लगाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। देश अघोषित आपातकाल की ओर बढ़ रहा है। संविधान एवं संवैधानिक अधिकार खतरे में है। समय है एकजुट मनुस्मृति के मानने वाले गोलवलकर के चेलों से मुकाबला करने का मुकाबला तभी।संभव है। जब हम दलित, आदिवासी, पिछले, अतिपिछड़े, अल्पसंख्यकों एवं प्रगतिशील विचारधारा को मानने वाले लोगों के बीच जाएं एवं उन्हें देश पराए गंभीर संकट एवं चुनौतियों के प्रति जागरूक करें तथा उन्हें अपना राजनीतिक शत्रु की पहचान कराएं। शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुमर राय ने कहा कि अंबेडकर की जयंती उनके द्वारा भी मनाए जाने लगा है जिन शक्तियों का विश्वास बाबासाहेब के द्वारा लिखित भारत के संविधान में कम मनुस्मृति में ज्यादे रहा है। हम सभी जानते हैं कि यह वही मनुस्मृति है जिस का विरोध करते हुए बाबा साहब ने 25 दिसंबर 1927 को सार्वजनिक रूप से जलाया था। बाबा साहेब की जयंती का ढोंग रचने वाली भाजपा एवं आरएसएस को बताना चाहिए कि हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना, वर्णव्यवस्था, मनुस्मृति एवं भारत के संविधान पर बाबा साहब का दृष्टिकोण क्या था? क्या भाजपा उसे दृष्टिकोण के रास्ते पर चल रही है या ठीक उसके विपरीत। हमारा मानना है कि आरएसएस एवं भाजपा वर्णव्यवस्था एवं मनस्मृति को मानने वाली एवं भारत के संविधान की विरोधी है। पिछले 9 वर्षों से देश की संपत्तियों को अपने कारोबारी मित्रों को कौडियों के भाव में बेचकर अकूट धन इकट्ठा करने वाली भाजपा के द्वारा बाबा साहेब की जयंती में खूब दिखावा किया गया, भव्यता की गई, फूलों की सजावट लगाई गई , जय-जयकार हो की गई एवं अच्छा जलपान भी करायी गई परंतु चर्चा नहीं की गई तो बाबा साहेब का विचार एवं उनके बताते मार्ग पर चलने का संकल्प लें। मौके पर रामनरेश यादव, संजय यादव, लक्की चंद यादव, सुवंश यादव, वैद्यनाथ यादव, रामदेव पासवान, शिव प्रसाद यादव, राम प्रकाश पासवान, विक्रांत साह (मुखिया जी), मो० एकरामुल हक, विनोद मिश्र, कमल सेठ, विजय शंकर यादव, संजय यादव, मो० सलाउद्दीन, पते मुखिया,मो० तमन्ने नदाफ, भोलू यादव आदि ने सभा को संबोधित किया।