कुंदन
– मध्य हावड़ा तृणमूल कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, सोशल मीडिया को बनाया हथियार
हावड़ा. मध्य हावड़ा के कासुंदिया के निवासी व्यवसायी मानस राय और उनकी पत्नी मौमिता राय ने खेल राज्यमंत्री व शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज तिवारी के करीबियों पर धमकी देने का आरोप लगाया था. मीडिया में यह खबर आने के बाद मनोज तिवारी ने प्रेसवार्ता कर सारे आरोपों को गलत व निराधार बताया था. व्यवसायी को धमकी देने की घटना को लेकर दो मंत्रियों के बीच जुबानी जंग पहले से ही छिड़ी हुई है, जो अब थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मामले को लेकर शहर में तृणमूल कांग्रेस दो खेमों में बंट गया है. मध्य हावड़ा विधानसभा और शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तृणमूल कार्यकर्ता अपने-अपने विधायक के समर्थन में उतर गये हैं. सोशल मीडिया को आधार बनाते हुए मध्य हावड़ा के तृणमूल कार्यकर्ता और नेता मंत्री मनोज तिवारी की जमकर आलोचना कर रहे हैं. कई तृणमूल कार्यकर्ताओं ने लिखा है कि अरूप राय के साथ बदसलूकी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मालूम रहे कि गुरुवार को श्री तिवारी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि मेरे विधानसभा क्षेत्र की समस्या में दूसरा कोई हस्तक्षेप न करे. अरूप राय ने बिना कुछ जाने इस मामले में टिप्पणी कर दी. कुछ भी कहने से पहले, उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी. खेल राज्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि पिछले दो साल से उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. उन्हें सिर्फ बदनाम करने की कोशिश है. उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. श्री राय बिना कुछ जाने कैसे बोल सकते हैं कि मैंने कोई ऑपराधिक काम किया है. यह गलत है. श्री तिवारी के इस बयान को लेकर शुक्रवार सुबह से ही मध्य हावड़ा के तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. कुछ कार्यकर्ताओं ने फेसबुक पर अपशब्द का भी प्रयोग किया है. शुक्रवार शाम को अरूप राय के समर्थन में एक संवाददाता सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है. राज्य के दो मंत्रियों के बीच चल रही जुबानी जंग और इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच ठन जाने पर भाजपा ने चुटकी ली है. प्रदेश भाजपा नेता उमेश राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की यही संस्कृति रही है. यह कोई नयी बात नहीं है. पिछले विधानसभा चुनाव के पहले इसी शहर में दो मंत्रियों के बीच आपस में नहीं बनी थी. दो मंत्रियों में एक मंत्री का नाम अरूप राय है. दूसरे मंत्री ने तंग आकर राजनीति से संन्यास ही ले लिया. सोशल मीडिया पर तृणमूल कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं. यह हास्यापद है.