-धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन कराना संविधान की मूल अवधारणा के खिलाफ : माकपा
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन और लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ स्थापित करने से पता चलता है कि इस तरह के एक महत्वपूर्ण अवसर के दौरान प्रधानमंत्री की प्रवृत्ति पूरी तरह सुर्खियों में रहने की होती है। टीएमसी ने कई विपक्षी दलों के साथ प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया। बहिष्कार करने वाले विपक्षी दलों का कहना था कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए था न कि प्रधानमंत्री को।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने से कहा कि संसद भवन के उद्घाटन पर कुछ धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी भारतीय संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है जो इसे एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में वर्णित करता है। ‘सेंगोल’ को स्थापित किये जाने का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि हम एक प्रजातंत्र हैं, न कि राजतंत्र। फिर ‘सेंगोल’ को लोकतंत्र के मंदिर में क्यों स्थापित किया गया। प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया।
बंगाल से माकपा के राज्यसभा सदस्य विकासरंजन भट्टाचार्य ने दावा किया कि नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन कराना संविधान की मूल अवधारणा के खिलाफ है। भट्टाचार्य ने कहा कि हम भारत के लोग हैं और इसमें किसी भी धर्म का कोई संकेत नहीं है शब्दों के साथ संविधान शुरू होता है।
देश के लोगों का अपमान कर रहा है विपक्ष : भाजपा
आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी जैसे विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पिछड़े समुदाय की प्रतिनिधि द्रौपदी मुर्मु के लिए बहुत कम सम्मान दिखाया था और अब उनके लिए ‘मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नये संसद भवन का उद्घाटन नरेन्द्र मोदी जैसी सार्वजनिक शख्सियत ने किया है, जो 130 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि हैं। टीएमसी जैसा विपक्ष लोकप्रिय प्रधानमंत्री के प्रति अपना द्वेष दिखाकर इस देश के लोगों का अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने शासनकाल में देश को उसके अतीत और विरासत से दूर किया था, वह भाजपा ही है जिसने आधुनिक शिक्षा, तकनीक और सोच को अपनाते हुए युवा पीढ़ी को हमारे अतीत से अवगत कराया है। टीएमसी जितनी जल्दी इसे समझ जाए, उतना ही अच्छा है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस खुद आने वाले दिनों में कहीं दिखाई नहीं देगी।