जाहिद अनवर राजु
दरभंगा–सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का जिला स्तर पर उद्घाटन सिविल सर्जन, दरभंगा डॉ.अनिल कुमार द्वारा लहेरियासराय आँगनवाड़ी केन्द्र संख्या – 200 पर किया गया। इस अवसर पर वहाँ उपस्थित लगभग 35 बच्चों के माताओं को ओ.आर.एस. का एक-एक पैकेट एवं जो बच्चे डायरिया से ग्रसित थे, उन्हें दो ओ.आर.एस. का पैकेट तथा जिंक का 14 टैबलेट दिया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 01 जून से 15 जून तक चलाई जाएगी। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर प्राप्त करना है। कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को ओ.आर.एस. एवं जिंक टेबलेट उपलब्ध कराई जा रही है, डायरिया प्रचार प्रसार रथ को हरी झंडी दिखाकर दरभंगा, समाहरणालय से रवाना किया गया। यह रथ सभी प्रखण्डों में चौदह दिनों तक घुम-घुम कर डायरिया के लिए प्रचार प्रसार करेगी। उन्होंने बताया कि इसमें सभी बी.सी.एम. सपोर्ट करेगें और ऑनलाइन फॉर्मेट अवश्य भरेंगे। इसके साथ ही सभी ए.एन.एम. अपने स्वास्थ्य उप केन्द्र में 15 दिनों तक पर्यवेक्षण करेगें और शाम को संध्या कालीन बैठक में दिन भर की गतिविधि की चर्चा करेंगें। कार्यक्रम में उपस्थित डी.आई.ओ. डॉ. ए.के मिश्रा ने बताया की सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर दीवार लेखन कराया जा रहा है। पोस्टर/बैनर का वितरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी प्रखण्ड के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण के लिए जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारियों को प्रखण्डों का बंटवारा कर दिया गया। डॉ. ए.के. मिश्रा ने बताया कि 05 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में ओ.आर.एस. के एक पैकेट का वितरण आशा एवं आँगनवाड़ी सेविका के द्वारा की जाएगी और जिस घर में डायरिया से ग्रसित बच्चा मिलते हैं उन्हें ओ.आर.एस. का दो पैकेट और जिंक का 14 टैबलेट, परिवार के सदस्यों को ओ.आर.एस. बनाना एवं उसके होने वाले लाभ, साफ सफाई, हाथ धोने के तरीकों पर जोड़ देना है। उन्होंने कहा कि जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाना है। दस्त बंद होने के उपरांत भी जिंक की खुराक 02 माह से 05 साल तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखना है। उन्होंने बताया कि 02 माह से 06 मह तक के बच्चों को आधी गोली (10mg) एवं 07 माह से 05 साल तक के बच्चे को एक गोली (20mg) देना है। इसके देने से दस्त में कमी एवं अगले 02 से 03 महीने तक दस्त की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को डायरिया के प्रति जागरूक बनाना है, हाथों की साफ सफाई, शौचालय का प्रयोग, पानी पीने के संबंध में बताना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 7,22,490 घरों में 6,74,786 बच्चों को ओ.आर.एस. उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने कहा कि सभी सेविका अपने- अपने पोषण क्षेत्र में कार्यक्रम को सफल बनाने मे सहयोग करेंगी। इस कार्यक्रम मे डी.पी.एम. शैलेश चंद्रा, यूनिसेफ एस.एम.सी. शशि कान्त सिंह और ओंकार चंद्र, पीओचाई विजय पाठक, बीसीएम मनोज कुमार, महिला पर्यवेक्षका, सेविका स्वेता कुमारी, ए.एन.एम. ज्योति, मनीषा, आशा आदि उपस्थित थीं।