कोलकाता : पश्चिम बंगाल की पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय ने आयोग से आम लोगों का भरोसा उठने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई चाहे तो निष्पक्ष रह सकता है और बिना किसी पक्षपात के काम कर सकता है। इच्छा रहने पर सरकार के खिलाफ भी कदम उठाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 2013 के पंचायत चुनाव के समय मीरा पांडेय राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर थीं। उस वक्त केंद्रीय बलों की सुरक्षा में पंचायत चुनाव कराने के फैसले को लेकर उनका ममता बनर्जी सरकार से विवाद हुआ था। मामला अदालत तक चला गया था। कानूनी लड़ाई में मीरा पांडेय की जीत हुई थी। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर अभी जो घटनाएं हो रहीं हैं, वे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लोगों को ऐसा लग रहा है कि राज्य चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहा है। पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती पर मीरा पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार के पास इतने पुलिसकर्मी नहीं हैं कि पूरे राज्य में उनकी तैनाती की जा सके इसलिए लोगों को सुरक्षित तरीके से मतदान की व्यवस्था करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती जरुरी है। आम लोगों की भी धारणा है कि केंद्रीय बलों के आने से वे भयुमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे।
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