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ममता सरकार ने अदालतों में कानूनी लड़ाइयां लडऩे पर एक साल में 75 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए, आरटीआइ में खुलासा।

 

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में कानूनी लड़ाइयां लडऩे पर 75 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। एक आरटीआइ में इसका खुलासा हुआ है। बंगाल सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में कानूनी मुकदमे लडऩे पर 24 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वित्त वर्ष 2022-23 में कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमे लडऩे के लिए वकीलों पर राज्य सरकार के 42 करोड़ रुपये खïर्च हुए हैं, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 13 करोड़ रुपये थे। इसी तरह जिला अदालतों में अधिवक्ताओं पर खर्च 6.86 करोड़ से बढ़कर 31 करोड़ हो गया है। त्वरित अदालतों के वकीलों पर 4.24 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो 2014-15 में चार करोड़ रुपये थे। राज्य सरकार के पास 2011 से 2014 तक के कानूनी व्यय का कोई ब्योरा नहीं है। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी कई बार कह चुकी हैं कि भाजपा के कारण राज्य सरकार को बार-बार अदालत जाना पड़ रहा है और वहां सरकारी रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के कई फैसलों के खिलाफ भी राज्य सरकार  सुप्रीम कोर्ट गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2016 में कलकत्ता हाई कोर्ट में ऐसे 11,969 आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें राज्य सरकार पार्टी थी। 2022-23 में यह बढ़कर 16,035 हो गया। बंगाल भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा- हम कई बार यह मांग कर चुके हैं कि तृणमूल सरकार इसका ब्योरा पेश करे कि उसने सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ताओं पर अब तक कितने रुपये खर्च किए हैं। तृणमूल ज्यादातर जन-विरोधी व लोकतंत्र -विरोधी काम करती है इसलिए लोगों को उसके खिलाफ अदालत का रूख करना पड़ता है।

 

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