पटना :भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि शिक्षक बहाली की चल रही प्रक्रिया के बीच में अचानक डोमिसाइल नीति को हटा देना बेहद अप्रत्याशित और अनुचित है. इससे बिहार के छात्रों का हक मारा जाएगा और पहले से ही आक्रोशित शिक्षक संगठनों व अभ्यर्थियों का आक्रोश और भड़केगा.
उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि सरकार शिक्षक संगठनों व अभ्यर्थियों के पक्ष में कोई सकारात्मक फैसला करेगी लेकिन उलटे उसने डोमिसाइल नीति को खत्म कर उन्हें और निराश किया है.
भाकपा-माले शुरू से ही शिक्षक संगठनों व अभ्यर्थियों के साथ खड़ी रही है. हमने कई स्तरों पर प्रयास भी चलाए और कोशिश की गई कि सरकार नई नियमावली पर पुनर्विचार करे. पर मामला दूसरी ही दिशा में बढ़ता दिख रहा है. हम अब भी सरकार से मांग करते हैं कि वे शिक्षक संगठनों व अभ्यर्थियों से वार्ता करे और मामले का हल निकाले.
उन्होंने कहा कि सरकार का तर्क है कि बेहतर शिक्षकों की बहाली के लिए डोमिसाइल नीति को हटाना जरूरी है. बिहार में सक्षम अभ्यर्थी नहीं है. यदि बात कुछ ऐसी है तो यह बेहद चिंताजनक है. इसका जवाब तो सरकार को ही देना होगा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था का इतना बुरा हाल क्यों बना हुआ है.
कई राज्यों में डोमिसाइल नीति लागू है. झारखंड में प्राथमिक शिक्षक बहाली में शत प्रतिशत डोमिसाइल लागू है. मध्यप्रदेश में भी यह नीति लागू है. इसलिए बिहार सरकार को अपने युवा बेरोजगारों के बारे में चिंतित होना चाहिए और तर्कसंगत फैसला व रास्ता अपनाना चाहिए.
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