
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले लगातार हिंसा जारी है। चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक 16 लोगों की जानें जा चुकी है। नामांकन के बाद से ही अशांति, बमबारी और गोलीबारी की घटनाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय इसे छोटी घटना बताते हुए कहा कि राज्य में पहले की तुलना में कम हिंसा की घटनाएं हुई हैं। राज्य में पंचायत चुनाव से पहले हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है।
बंगाल के डीजीपी ने मंगलवार को कोलकाता में राज्य के पुलिस मुख्यालय भवानी भवन में झारखंड और बिहार के डीजीपी के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह बात कही है। मनोज मालवीय ने कहा कि किसी भी छोटी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। राज्य में स्थिति अब नियंत्रण में है। बंगाल में दो-तीन घटनाएं हुई हैं, जिनमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है।
राज्य पुलिस के डीजी की इस टिप्पणी पर विपक्ष दल भाजपा ने सवाल उठाया है। भाजपा नेता सजल घोष ने कहा कि बंगाल पंचायत चुनाव से पहले लगातार हुई हिंसा में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। इन 16 परिवारों के साथ क्या हुआ, वह कैसे कह सकते हैं कि यह एक छोटी घटना है। लोग पुलिस के बारे में क्या सोचेंगे।
दूसरी ओर झारखंड के डीजीपी अजय के सिंह और बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी के साथ हुई बैठक में अंतरराज्यीय अपराधों की रोकथाम पर चर्चा की गई। चर्चा में साइबर अपराध भी शामिल था। समन्वय बैठक में पंचायत चुनाव में पड़ोसी राज्यों से हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर भी चर्चा हुई। मनोज मालवीय ने कहा कि बिहार या झारखंड से राज्य में हथियार न आ सकें, इसलिए बंगाल की सीमा पर बार्डर चेकिंग शुरू की जाएगी। बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि सिर्फ मुंगेर से ही अवैध हथियार बरामद नहीं होते हैं। अब पहले से कहीं ज्यादा अवैध हथियार बरामद हो रहे हैं।
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