कोलकाता : बीएसएफ की पहल से बांग्लादेश में रहने वाले भाई को भारतीय सीमा इलाके में रह रहे अपने भाई के निधन पर अंतिम दर्शन नसीब हुए। यह घटना मालदा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र की है। सीमावर्ती गांव मंगलबाड़ी के निवासी ध्रुबासोम साह ने दक्षिण बंगाल सीमांत के अंतर्गत बीएसएफ की सीमा चौकी महादीपुर, 70वीं वाहिनी के कंपनी कमांडर को गुरुवार को बताया कि उसके पिता तपन साह (62) का देहांत हो गया है। उनके पिता के एक भाई सीमा पार बांग्लादेश में रहते हैं और वह अपने भाई के अंतिम दर्शन करना चाहते हैं। अगर बीएसएफ मदद करें तो उनके चाचा और रिश्तेदारों को उनके मृत पिता के अंतिम दर्शन नसीब हो सकते हैं।
कंपनी कमांडर ने मानवीयता और भावनात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए बिना कोई देर किए इस संबंध में तुरंत अपने समकक्ष बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया। बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कदम आगे बढ़ाया। लिहाजा, दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने आपसी सहयोग के मद्देनजर मानवता को सर्वोपरि रखते हुए बांग्लादेश में रहने वाले भाई और उसके रिश्तेदारों के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर मृतक के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था की।
स्वजनों ने बीएसएफ का जताया आभार
अंतिम दर्शन के उपरांत सभी रिश्तेदारों ने सीमा सुरक्षा बल की इस पहल के लिए आभार जताते हुए कहा कि उसकी मानवीयता के चलते हमें अपने रिश्तेदार के अंतिम दर्शन नसीब हुए।
बीएसएफ सदैव सामाजिक व मानवीय मूल्यों का रखती है ख्याल : डीआइजी
इधर, इस प्रकरण पर दक्षिण बंगाल सीमांत, बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य ने बताया कि बीएसएफ के जवान सीमा पर दिन-रात बिना पलक झपकाए तैनात रहते हैं और देश की सुरक्षा के साथ ही सीमावासियों के हर सुख- दुख समेत उनके धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का भी ख्याल रखते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीमा सुरक्षा बल गलत मंशा रखने वालों के खिलाफ है, वहीं जब बात इंसानियत व मानवीय मूल्यों की आती है तो वह सदैव तत्पर रहती है।