Sonu jha
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्वास्थ्य साथी कार्ड स्वीकार करना होगा और यदि नहीं स्वीकार किया गया तो उन निजी अस्पतालों का लाइसेंस रद किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान सदन में कहीं। ऐसा पहली बार नहीं जब ममता ने स्वास्थ्य साथी कार्ड पर उपचार नहीं करने वाले निजी अस्पतालों को लाइसेंस रद करने की धमकी दी है। पिछले साथ वर्षों से दर्जनों बार सीएम इस तरह की चेतावनी व धमकी दे चुकी हैं। दरअसल, ममता ने राज्य के लोगों को मुफ्त में पांच लाख रुपये तक के उपचार के लिए स्वास्थ्य साथी कार्ड जारी कर रखा है लेकिन उस कार्ड को लेकर लोगों को निजी अस्पतालों में तरह-तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी राज्य में निजी अस्पतालों द्वारा हेल्थ कार्ड वाले मरीजों को भर्ती करने में अनिच्छा सामने आ चुकी है। इस संबंध में निजी अस्पतालों के खिलाफ कई शिकायतें की गई थी। सिलीगुड़ी से भाजपा विधायक शंकर घोष ने बुधवार को राज्य विधानसभा सत्र में इससे जुड़ा सवाल उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य साथी हेल्थ कार्ड नहीं लेंगे तो उनका लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।
वैसे तो हेल्थ कार्ड को लेकर अक्सर तरह-तरह की शिकायतें सुनने को मिलती रहती हैं। खासकर निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों पर आरोप लगे हैं। स्वास्थ्य साथी कार्ड पर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने के लिए आम लोगों के निजी अस्पतालों में जाने के मामले अक्सर सुर्खियां बनते हैं। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने इसी साल मार्च में ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’ (पीएमयू) के गठन की भी घोषणा की थी। इस पीएमयू के बन जाने के बाद राज्य सरकार उन सभी अस्पतालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकेगी जो हेल्थ कार्ड लौटाने की शिकायत कर रहे हैं। यह पीएमयू यह भी पूछा जाता है कि अस्पताल में हेल्थ कार्ड क्यों नहीं लिया जा रहा है। लोग अपनी शिकायतें आनलाइन और आफलाइन दर्ज करा सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक काम काफी आगे बढ़ चुका है।