
संघमित्रा सक्सेना
कोलकाता: महान कवि काज़ी नजरूल इस्लाम के पुण्यतिथि पर कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने नवान्न में कवि के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

काज़ी नजरूल इस्लाम ब्रिटिश शासनकाल में अपनी लेखन के जरिए अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद कर संपूर्ण विश्व के लिए एक उदाहरण बने थे। साहित्य जगत में उन्हें “विद्रोही कवि” के नाम से जाना जाता हैं।

पश्चिम बंगाल के बर्दमान जिले की काजी परिवार में नजरूल इस्लाम का जन्म हुआ था। नजरूल अपनी शिक्षा स्थानीय मजहर से प्राप्त किये थे।

वही कविता, साहित्य और नाटक लिखने की सीख उन्होंने एक थिएटर ग्रुप में जुड़कर प्राप्त की थी। नजरूल 1917 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ज्वाइन किए थे।

बाद में वह अपनी पेशा बदलकर पत्रकार बने। अपनी आर्टिकल से उन्होंने ब्रिटिश शक्ति को घुटने टेकने पर मजबूर किया।

विद्रोही, भंगार गान, धूमकेतु उनके बहु चर्चित सृष्टि है। काज़ी नजरूल इस्लाम के गाने बांग्ला साहित्य में नजरूल गीती की नाम से प्रसिद्ध हैं। काज़ी इस्लाम भारत के मित्र देश बांग्लादेश की नेशनल पोएट हैं।

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