– विश्वकप फाइनल में भारत की जीत के लिए धनबाद निवासी कर्नल जेके सिंह ने लिखी प्रेरणात्मक कविता
कोलकाता : दो दशक बाद क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में रविवार को फिर भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खिताबी भिड़ंत होगी। भारत 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली व 2011 में महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में दूसरी बार वनडे में विश्व चैंपियन बना था, लेकिन इन दो ऐतिहासिक जीतों के बीच एक समय ऐसा भी आया था, जब भारत बेहद करीब आकर विश्व कप जीतने से चूक गया था।
सौरव गांगुली की अगुआई वाली भारतीय टीम 2003 के विश्वकप में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद विश्व विजेता नहीं बन पाई थी। आस्ट्रेलिया ने फाइनल में भारत को 125 रनों से हरा दिया था। उस बुरी हार ने करोड़ों भारतीयों के दिलों पर एक गहरा जख्म दिया था। आस्ट्रेलिया से उस करारी हार का बदला अब तक चुकता नहीं हो पाया है। अब 20 साल पुरानी उस टीस को मिटाने का यही सही समय है। हर देशवासी इस समय रविवार को गुजरात के अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले विश्वकप के फाइनल में भारत की जीत की दुआ कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली में रिपब्लिक डे परेड सहित आर्मी डे पर हर साल शानदार कमेंट्री से लोगों का दिल जीतने वाले वीरता पदक विजेता भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह, जिनकी आवाज के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक मुरीद हैं, उन्होंने अब विश्वकप में भारत की जीत के लिए प्रेरणात्मक कविता लिखी है।
वर्तमान में झारखंड पुलिस के एसटीएफ में एसपी पद पर सेवा दे रहे धनबाद निवासी कर्नल सिंह की इस कविता की खूब चर्चा हो रही है। भारतीय बल्ले से चंद्रयान- 4 तक शीर्षक से लिखी इस कविता में उन्होंने खिलाडिय़ों का जोश बढ़ाते हुए लिखा कि हर उठते बाल को छक्का जरूर लगाना, वर्ल्ड कप जीत के आना। उन्होंने लिखा है-
कितनी धुआंधार गेंद हो बल्ला जोर घुमाना, वर्ल्ड कप की ट्राफी बेशक जीत के आना। जैसे चले हो शुरू से सभी, उसी राह पर फिर से चलना, जीत वही दुहराना। वल्र्ड कप की ट्राफी लेकर आना… बेशक जीत के आना।
कैसी दुविधा आए तो, कैसे भी बैटिंग पाए तो, बालर कैसे बाल गिराए, उल्टे सीधे मुंह पर आए, हर उठते बाल को छक्का जरूर लगाना, वर्ल्ड कप जीत के आना।
शुभमन गिल तुम्हारे शाट से धरती हिलनी चाहिए, स्टेडियम की जमीन से पानी निकलना चाहिए, रोहित तुम्हारे बैट से लगा बाल अंतरिक्ष के पास होना चाहिए, विराट बैट से लगा तुम्हारा बाल चांद पर पहुंचकर कल से चंद्रयान चार कहलाना चाहिए।
कल ऐसे धुआंधार खेलो कि विरोधी टीम की कई महीनों तक उड़ जाए नींद, उस टीम से पूरे भारत को यही है उम्मीद, आशा है तुम्हारा संघर्ष हम सबके सपनों से भी बड़ा होगा। तुम्हारे संग कल सारा हिंदुस्तान खड़ा होगा।
कल मां भारती के सर पर वर्ल्ड कप का जरूर ताज जड़ा होगा। वर्ल्ड कप का ताज जड़ा होगा।