*राम सेक्युलर नहीं है।*
*देश के प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहेंगे मूर्ति का स्पर्श करेंगे प्रतिष्ठित करेंगे इसको राजनीतिक रूप दिया ही गया है मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्रतिष्ठा होगी तो शास्त्र संगत होना चाहिए। मैं विरोध भी नहीं करूंगा जाऊंगा भी नहीं मैंने अपना पक्ष रख दिया। आधा तीतर और आधा बटेर की कहानी चरितार्थ ना करें सब कुछ शास्त्र संगत विद्या से हो।*
मेरे पास निमंत्रण आया था एक व्यक्ति साथ ला सकते हैं और हंसते हुए उन्होंने कहा इस कारण नहीं मैं कोई नाराज नहीं हूं
पुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज आज मुंबई मेल से हावड़ा स्टेशन पहुंचे तकरीबन 10:00 बजे के आसपास ट्रेन 21 नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची, जहां पहले से ही उनके भक्त मौजूद थे उनके स्वागत के लिए पूर्व रेलवे के हावड़ा डिवीजन के डीआरएम संजीव कुमार ने उनका स्वागत किया। वह यहां कई धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने व गंगासागर स्नान के लिए पहुंचे हैं। जब उनसे गर्भ गृह में भगवान श्री राम लाल के प्राण प्रतिष्ठा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है शास्त्र संगत विधि के अनुसार प्रतिष्ठा होनी चाहिए और पूजा होनी चाहिए , *राम सेक्युलर नहीं है।* शास्त्र संगत अनुसार प्रतिष्ठा व पूजा कार्यक्रम होना चाहिए अन्यथा देवता का जो तेज है वह तिरोहित हो जाता है और वह तिरोहित हो जाने पर डाकिनी साकनी भूत पिशाच के रूप में प्रविष्ट हो जाते हैं और पूरे क्षेत्र को तहस-नहस कर देते हैं। वही जब उनसे इस कार्यक्रम में जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नहीं मैं तो इस कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा अयोध्या तो जताता रहता हूं *इस कार्यक्रम में मैं सम्मिलित नहीं होउगा, कारण कुछ नहीं मेरे पास निमंत्रण आया था एक व्यक्ति साथ ला सकते हैं और हंसते हुए उन्होंने कहा इस कारण नहीं मैं कोई नाराज नहीं हूं मेरी अपनी नीति है मेरा सिद्धांत है* ।मैं उस कार्यक्रम में जाकर क्या करूंगा। धर्मगुरु नहीं पहुंच रहे हैं यह तो सबको पता ही है। *देश के प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहेंगे मूर्ति का स्पर्श करेंगे प्रतिष्ठित करेंगे इसको राजनीतिक रूप दिया ही गया है मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्रतिष्ठा होगी तो शास्त्र संगत होना चाहिए। मैं विरोध भी नहीं करूंगा जाऊंगा भी नहीं मैंने अपना पक्ष रख दिया। आधा तीतर और आधा बटेर की कहानी चरितार्थ ना करें सब कुछ शास्त्र संगत विद्या से हो।* लौकिक नियम है विधि निषेध उसका पालन करने पर ही गंतव्य तक व्यक्ति पहुंचता है इसी प्रकार शास्त्र संगत फल चाहिए तो शास्त्र संगत विधि से सब कुछ करना चाहिए आधा तीतर आधा बटेर चरितार्थ ना करें। हिंदू राष्ट्र की ओर तेज गति से आगे बढ़ रहा है पूरा एशिया महाद्वीप हिंदू राष्ट्र घोषित होगा पूरा विश्व हिंदुत्व के रंग में रंगेगा क्योंकि सबके पूर्वज सनातनी ही थे।