कोलकाता, संवाददाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उत्तर बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 72वीं वाहिनी के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा चौकी कोचाबारी इलाके में प्रसव पीड़ा संबंधी दर्द से तड़प रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाकर एक बार फिर मानवता का परिचय दिया है।
बल की ओर से एक बयान में बताया गया कि यह घटना सीमावर्ती कोचाबारी गांव की है। अधिकारियों ने बताया कि गांव के बिशु सिंघा नामक व्यक्ति ने बीओपी कोचाबारी के पोस्ट कमांडर को आकर सूचना दी कि उनकी बेटी गर्भवती है और अचानक से उसकी तबीयत खराब हो गई है।अस्पताल ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहे हैं, इसीलिए उन्होंने एंबुलेंस उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके बाद पोस्ट कमांडर ने तुरंत अपने कंपनी कमांडर टीके सिंह को इसकी सूचना दी। जिसके उपरांत कंपनी कमाडर ने बिना कोई विलंब किए तुरंत बीएसएफ के एंबुलेंस को नर्सिंग सहायक के साथ उनके घर भेजा। वहां से गर्भवती महिला को परिवार के सदस्यों के साथ राशखोवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। जहां महिला ने एक लड़के को जन्म दिया। डाक्टरों के अनुसार, फिलहाल महिला व बच्चे दोनों स्वस्थ हैं। इधर, गर्भवती महिला के परिवार ने समय पर इस मदद के लिए बीएसएफ का आभार जताया और कहा कि सीमा सुरक्षा बल की तत्परता के चलते मां व नवजात की जान बच गई, नहीं तो कुछ अनहोनी भी हो सकती थी। ग्रामीणों ने भी बीएसएफ की इस पहल की तारीफ की और कहा कि वह सदैव जरूरतमंद लोगों की सहायता करती है। वहीं, इस प्रकरण पर 72वीं वाहिनी के कमांडेंट ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जवान दिन हो या रात अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हमेशा डटकर ड्यूटी करते है। इसके साथ ही सीमा पर रहने वाले लोगों की सहायता के लिए भी हमेशा तत्पर रहते हैं। जिसके चलते सीमा सुरक्षा बल और सीमा वासियों के बीच आपसी संबंध और मजबूत हो रहे हैं।