उमेश तिवारी
हावड़ा : हावड़ा के वे तृणमूल नेता जो विधानसभा चुनाव के कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल हुए थे, वे एकबार फिर तृणमूल में जाने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। इस कड़ी में राजीव बनर्जी और डॉ. रथिन चक्रवर्ती का नाम सबसे पहले आ रहा है लेकिन उन कार्यकर्ताओं का क्या जो इनके साथ -साथ तृणमूल का दामन थामे थे। उनके लिए एक ओर कुआँ तो दूसरी ओर खाई है। अगर तृणमूल में गए तो सम्मान खोने का भय और नहीं गए तो जेल। ऐसी ही एक घटना है हावड़ा के वार्ड संख्या 17 की. आरोप है कि भाजपा करने के आरोप में ईश्वर साव को हावड़ा थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह आरोप लगानेवाले प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी समिति के सदस्य उमेश राय का कहना है कि चुनाव में जिन लोगों ने भाजपा के लिए काम किया था या प्रचार में भाग भी लिया था ऐसे कार्यकर्ताओं को चुन- चुनकर पुलिस झूठे केस में फंसा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस भाजपा नेताओं को क्यों नहीं फंसा रही है, क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि बाली में भी भाजपा कार्यकर्ता अमित सिंह के घर पर 2 जून के बाद से ही पत्थर, गोबर आदि फेंका जा रहा है। उसके परिवार के लोग भयभीत हैं। तृणमूल को प्रतिहिंसा की राजनीति करनी है तो भाजपा नेताओं से क्यों नहीं करती, कार्यकर्ताओं को झूठे केस में फंसा कर उनका जीवन क्यों बर्बाद कर रही है।
बाली के रहने वाले कई ऐसे भाजपा कर्मी हैं जो तृणमूल कार्यकर्ताओं की भय से घर छोड़े हुए हैं। कभी राजीव बनर्जी के साथ भाजपा के लिए काम करनेवाले बांकड़ा निवासी दिलीप साव कहते हैं कि 2 जून के बाद से उन्होंने बीजेपी का नाम लेना छोड़ दिया है, वे घर से कम निकलते हैं, डर है कि तृणमूल के कार्यकर्ता उन्हें भी कहीं निशाने में न ले ले।विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही ऐसे एक नहीं सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता हैं जो रास्ते में दिखाई नहीं दे रहे हैं।