कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) देश की सीमाओं की रखवाली के साथ सीमावासियों की सहायता के लिए भी सदैव तत्पर रहती है। नदिया जिले में भारत- बांग्लादेश सीमा पर तैनात बल के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 86वीं वाहिनी के जवानों ने इसकी मिसाल एक बार फिर पेश की है। यहां सीमावर्ती गांव शिकारपुर की एक महिला ने
पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ जवानों की तत्परता से उसकी जान बच गई। सूचना मिलते ही सीमा चौकी शिकारपुर के जवानों ने महिला को गंभीर हालत में अपने एंबुलेंस से तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराया। महिला की स्थिति अभी ठीक बताई जा रही है। बीएसएफ ने बुधवार को एक बयान में बताया कि यह घटना शिकारपुर गांव की है, जब सीमा प्रमाणिक (22), पति- संजय प्रमाणिक नामक महिला पारिवारिक कलह की वजह से सीलिंग फैन से लटक गई। महिला के घरवालों ने तुरंत उसे सीलिंग फैन से उतारा लेकिन तब तक वह बेहोश हो चुकी थी और उसकी हालत काफी गंभीर थी। महिला के स्वजन आनन–फानन में सीमा चौकी शिकारपुर के कंपनी कमांडर के पास मदद के लिए पहुंचे और घटना के बारे में बताया। कंपनी कमांडर ने तुरंत एक नर्सिंग सहायक को बीएसएफ एंबुलेंस के साथ भेज दिया और महिला को लेकर तुरंत करीमपुर अस्पताल पहुंचाया। इलाज के बाद वह अब ठीक है।
वहीं, स्वजनों ने समय पर मदद के लिए सीमा सुरक्षा बल का आभार व्यक्त किया और कहा कि बीएसएफ लोगों के सुख–दुख में हमेशा देवदूत की तरह प्रकट होती है।
इधर, 86वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर ने जवानों के इस सराहनीय कार्य पर खुशी जताई और कहा कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के साथ सीमावासियों के हर सुख–दुख में साथ रहती है।।