कोलकाता : बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले भाइयों व रिश्तेदारों को बांग्लादेश में रहने वाली बहन के अंतिम दर्शन कराकर एक बार फिर मानवता का परिचय दिया है। यह घटना बल की 107वीं वाहिनी की सीमा चौकी सुतिया इलाके की है। अधिकारियों ने बताया कि पांच जून को सीमावर्ती गांव बांसघाटा के पंचायत सदस्य शहादत मंडल ने सीमा चौकी सुतिया के कंपनी कमांडर को सूचित किया कि उसके गांव के मोमिन मंडल की बहन, परिसों मंडल का देहांत हो गया है, जोकि सीमा पार बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव धनकोला में रहती थी। उसके सभी भाई अपनी बहन के अंतिम दर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि यदि बीएसएफ पहल कर दे तो भाइयों को बहन के अंतिम दर्शन नसीब हो जाएंगे।
इसके बाद मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ अधिकारी ने अपने समक्ष तैनात बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारी के साथ तुरंत संपर्क किया। लिहाजा दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों ने मानवता को सर्वोपरि रखते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर मृतक बहन के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था की।
अंतिम दर्शन के उपरांत मृतका के भाइयों और उनके सभी संबंधियों ने दोनों ही बलों का आभार प्रकट किया।
इधर, इस प्रकरण पर 107वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर ने बताया कि बीएसएफ के जवान देश की सुरक्षा के साथ ही सीमावासियों के सुख-दुख, धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का भी ख्याल रखते हैं। जब बात इंसानियत की आती है तो बीएसएफ उसे पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहती है।