उमेश तिवारी
हावड़ा ः हावड़ा में सांसद और मंत्री के बीच तल्ख बढ़ती जा रही है। हावड़ा के सांसद प्रसुन बनर्जी को लगता है कि उनके साथ भेदभाव बरता जा रहा है। वैक्सीन का कोटा निर्धारित किया गया है लेकिन उनमें उनका नाम नहीं है। रविवार को हावड़ा जिला अस्पताल में वैक्सीन देने के एक कार्यक्रम में पहुंचे सांसद प्रसुन बनर्जी ने कहा कि यहां विधायकों और पूर्व पार्षदों के लिए वैक्सीन का कोटा है लेकिन सांसद के लिए नहीं। जिसके कारण उन्हें अपने लोगों को वैक्सीन दिलाने के लिए जिलाशासक का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
सांसद ने यह बात उस वक्त कही है जब हावड़ा जिला भाजपा ने वैक्सीन देने के नाम पर प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। सांसद ने कहा कि सारे लोग वैक्सीन पा रहे है जबकि उनके लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रहा है। उनके लोगों ने उनसे कहा कि वे इस बारे में कुछ करे। इसलिए उन्होंने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से बात की तो पता चला कि हावड़ा नगर निगम के पास वैक्सीन देने का अधिकार है, फिर उन्होंने निगम आयुक्त धवल जैन से बात की जहां से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। तब अन्त में जाकर जिलाशासक से वैक्सीन के मुद्दे पर बात की। जिलाशासक ने उन्हें दो सौ वैक्सीन उपलब्ध कराई है।
सांसद के इस बयान पर प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य उमेश राय ने कहा कि सभी वैक्सीन केन्द्रों पर तृणमूल का कब्जा है। कहीं तृणमूल करनेवालों को टोकन दिया जा है तो कहीं ऊंचे दामों में टोकन बेचा जा रहा है। भाजपा पहले से ही आरोप लगाते आ रही है कि सिर्फ तृणमूल करनेवालों को ही वैक्सीन दिया जा रहा है, और आज सांसद के बयान से यह बात सिद्ध हो गई है कि विधायक और पूर्व पार्षदों को ही वैक्सीन का कोटा निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं तो विधायक का फोटो लगाकर वैक्सीन देने का काम किया जा रहा है। उमेश राय ने कहा कि वार्ड 13 की पूर्व पार्षद को वैक्सीन देने के मामले से अलग रखा गया है। जिलाशासक और नगर निगम को इस मामले को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए।