कोलकाता: 1982 में अपनी स्थापना के बाद से, नाबार्ड अपने असंख्य हस्तक्षेपों के माध्यम से कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में प्रयास करता आ रहा है। 12 जुलाई, 2023 को नाबार्ड ने ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने की अपनी यात्रा का बयालीस वर्ष पूरे कर लिए। अपने ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए नाबार्ड, पश्चिम बंगाल क्षेत्रीय कार्यालय ने एक कार्यक्रम का आयोजित किया जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री आर केसवन जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम में नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक, श्रीमती उषा रमेश, भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, आरआरबी के अध्यक्ष, एसएलबीसी संयोजक बैंक, वाणिज्यिक बैंकों के आंचलिक /क्षेत्रीय प्रमुख, सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक एवं अन्य हितधारक उपस्थित थे।इस अवसर पर, नाबार्ड ने आदिवासी बाहुल्य जिला झारग्राम में अपने प्रमुख हस्तक्षेपों पर प्रकाश डालते हुए एक वृत्तचित्र जारी किया और कुछ पुस्तिकाएं जैसे “पश्चिम बंगाल में नाबार्ड की वार्षिक प्रदर्शन विशेषताएं 2022-23” और “ग्रामीण समृद्धि के साथ मिलन पश्चिम बंगाल में विकास के पदचिह्न 2022-23” का विमोचन किया , जो पश्चिम बंगाल के लोगों की दृढ़ता और आशा की प्रशंसनीय कहानियों को संकलित करती हैं। इसके अलावा, नाबार्ड ने “हमरो होमस्टे प्रोजेक्ट बुकलेट” और “आरआईडीएफ की कॉफी टेबल बुकलेट” तथा “एफएसडीडी हस्तक्षेपों पर ई-बुकलेट” का लोकार्पण किया ।
अपनी चार दशकों की यात्रा में, नाबार्ड ने आधार स्तर पर कई समुदाय आधारित संगठनों जैसे स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों आदि को बढ़ावा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक, श्री आर. केशवन ने अपने उद्घाटन भाषण में महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर देते हुए ग्रामीण भारत के विकास और ग्रामीण आबादी के उत्थान के लिए नाबार्ड द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।इस अवसर पर नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक, श्रीमती उषा रमेश ने ग्रामीण बंगाल के विकास में नाबार्ड के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, नाबार्ड, पश्चिम बंगाल क्षेत्रीय कार्यालय ने व्यावसायिक लक्ष्यों को पार करते हुए असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया और विकास तथा संवर्धनात्मक गतिविधियों के तहत अब तक के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है ।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुल कारोबार 16,517 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 18% की वृद्धि दर्ज की गई है तथा वित्त वर्ष 2024 में और अधिक उपलब्धियाँ हासिल करने का लक्ष्य है।इस अवसर पर बंगीय ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष श्री जोसेफ लॉरेंस टोबियास, एसएलबीसी, पश्चिम बंगाल के महाप्रबंधक श्री शिव शंकर सिंह, नादिया डीसीसीबी के अध्यक्ष श्री शिवनाथ चौधरी, यूको बैंक के कार्यकारी निदेशक श्री राजेन्द्र कुमार साबू ने अपना वक्तव्य दिया ।