हावड़ा : हावड़ा जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को एक मां और उसके प्रेमी को अपने डेढ़ साल के बेटे (बच्चे) की हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। मां पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने बच्चे की हत्या करने का आरोप है। हावड़ा फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों को दोषी पाया और जज ने मौत की सजा की घोषणा की। जानकारों की मानें तो साल 1990 के बाद यह पहली बार है जब हावड़ा जिला कोर्ट ने किसी मामले में दो लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। अंतिम बार हावड़ा अदालत ने 1990 में फांसी की सजा सुनाई थी।
यह घटना दिसंबर 2015 की है जब बच्चे की हत्या हुई थी। हावड़ा जीआरपी ने फलकनामा एक्सप्रेस से लावारिश बैग से एक बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद किया था। जांच के बाद हावड़ा जीआरपी ने इस मामले में मां हसीना सुल्ताना और उसके प्रेमी भानु शाह को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया था।
हसीना सुल्ताना आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित अपने ससुराल से पति को छोड़कर अपने बच्चे को लेकर प्रेमी के साथ चली गई थी। इसके बाद वह प्रेमी भानु शाह के साथ हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में रहने लगी थी। उसका प्रेमी वहां किराये के मकान मे रहता था, लेकिन दोनों के बीच हसीना का बेटा जिसान रास्ते में कांटा बना हुआ था। इसलिए, अपने प्रेमी की मदद से, मां हसीना ने जिसान की हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को एक ट्रैवल बैग में भरकर सिकंदराबाद स्टेशन गया और शव को फलकनामा एक्सप्रेस की सीट के नीचे छोड़ दिया।
इस बीच बेटी और नाती को न ढूंढ पाने पर सुल्ताना के घर वालों (बच्चे की नानी) ने थाने में उसकी फोटो के साथ गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हावड़ा स्टेशन पर लावारिश बच्चे का शव मिलने के बाद उस तस्वीरों के आधार पर जांच आगे बढ़ी। हावड़ा जीआरपी ने सुल्ताना और उसके प्रेमी भानू को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। मामला अब तक लंबित था। सरकारी वकील अरिंदम मुखोपाध्याय ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने सबूतों के आधार पर दोनों को दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई। दूसरी तरफ, इस फैसले पर दोषियों के वकील फिरोज सरकार ने कहा कि वे फांसी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।