हावड़ा के शालीमार स्टेशन से रेलवे की एंटी फ्राड टीम ने दबोचा एक युवक को रेलवे के कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर देशभर के विभिन्न शहरों में घूम-घूम कर लोगों से ठगी करने वाले एक शातिर ठग को हावड़ा के शालीमार रेलवे स्टेशन से मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया गया। उसका नाम सुनील बर्मन (27) है। वह बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा का रहने वाला है। चीफ टिकटिंग इंस्पेक्टर (सीटीआइ)/आरएमजे पुरेंद्र सिंह ने उसे पकड़ा। इसके बाद सूचना पर पहुंची दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय के एंटी फ्राड टीम के इंचार्ज/ चीफ कामर्शियल इंस्पेक्टर (सीसीआइ) रोनाल्ड ब्राग्स की अगुवाई में टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। शालीमार स्टेशन के बाहर एक व्यक्ति को जाली रेलवे टिकट देकर उसने ठगी की थी। तभी सूचना मिलने के बाद उसे दबोच लिया गया। एंटी फ्राड टीम से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपित बेहद शातिर ठग है। जांच में पता चला है कि वह पिछले कई सालों से देश के विभिन्न शहरों में घूम-घूमकर विभिन्न स्टेशनों के पास लोगों को झांसे में लेता है और कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर जाली टिकट थमाकर ठगी करता है। वह भी सिर्फ एसी का टिकट। इसके अलावा कई लोगों को फ्लाइट की जाली टिकट देकर भी वह चूना लगा चुका है। अधिकारियों के अनुसार, आरोपित मात्र 10वीं पास है। पता चला है कि जिन शहरों में वह जाता है वहां के बड़े बड़े फाइव स्टार होटलों में ठहरता है। हवाई जहाज से यात्रा करता है। इस दौरान विभिन्न स्टेशनों में टिकट काउंटर के आसपास वह अच्छे सूट-बूट में खड़ा होकर वैसे दूरगामी यात्रियों को झांसे में लेता है जो टिकट के लिए परेशान रहते हैं। आरोप है कि वह अब तक बड़ी संख्या में यात्रियों को काउंटर से कंफर्म टिकट नहीं मिलने की बात कहकर अपने मोबाइल से आनलाइन जाली रिजर्वेशन टिकट थमाकर ठगी कर चुका है। यहां तक कि परेशान यात्रियों को सहानुभूति दिखाकर वह कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लेता था। मंगलवार को भी शालीमार स्टेशन के बाहर एक यात्री को वह शालीमार- एलटीटी का जाली रिजर्वेशन ई टिकट दिया था, जिसके बाद वह पकड़ा गया।
कई बार पकड़ा भी जा चुका है
अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि ठगी के आरोप में वह इससे पहले कई बार पकड़ा भी जा चुका है। कुछ दिनो पहले ही जाली टिकट बेचने के आरोप में ही हावड़ा जीआरपी ने भी उसे पकड़ा था। बर्मन का आरोप है कि हावड़ा जीआरपी ने उससे पैसे की मांग की थी, यह नहीं देने पर बाद में उसे तीन दिन बाद छोड़ दिया गया था। हालांकि जीआरपी ने आरोपों को खारिज किया है। उससे पहले दो माह पूर्व वह बेंगलुरु में भी पकड़ा गया था। वहां वह जेल भी गया था, लेकिन बाद में छूट गया। इधर, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपित ने अधिकारियों को बताया कि वह छूटने के बाद फिर यह काम करेगा। एंटी फ्राड टीम ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उसे शालीमार जीआरपी को सौंप दिया है। उसके खिलाफ जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है।