मधुबनी : जिले के पंडौल प्रखंड अंतर्गत नाहर गांव निवासी, मैथिली के प्रकांड विद्वान व आरके कालेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डा. वेदनाथ झा का गुरुवार को निधन हो गया। वे 86 साल के थे और पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने सुबह अपने निवास स्थान पर ही अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सामने आते ही पूरे गांव व आसपास के इलाके समेत साहित्य व शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई। कई भाषाओं के ज्ञाता, लेखक व साहित्यकार डा झा की खासकर मैथिली साहित्य में एक अलग ही पहचान थी। उन्होंने मैथिली में कई किताबें भी लिखी हैं। वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंचों पर भी प्रतिनिधित्व किए थे और उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त हुआ था। प्रोफेसर झा उत्कृष्ट वक्ता व व्यंग्यकार भी थे।आरके कालेज, मधुबनी में मैथिली के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे प्रोफेसर झा ने करीब ढाई दशक पहले अवकाश प्राप्त होने के बाद भी लेखन व साहित्यिक कार्यों से लगातार जुड़े रहे। लेखन व अध्ययन में उनकी गहरी रुचि थी।शिक्षा क्षेत्र में सभी लोग उनका बहुत सम्मान करते थे। डा झा अपने पीछे पत्नी समेत पूरा भरा- पूरा परिवार छोड़ गए हैं। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण समेत इलाके के अन्य गणमान्य लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद थे। उनके निधन पर शिक्षक प्रभात कुमार झा, कैलाश कुमार झा समेत अन्य ग्रामीणों ने गहरा शोक प्रकट किया है और उनके निधन को शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
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