जाहिद अनवर राजु
दरभंगा–दरभंगा जिला चिकित्सा का हब पहले से ही है और आने वाले समय में यदि एम्स बनता है तो अनुमान किया जा रहा है की ये जिला खूब तरक्की करेगा। लेकिन इस जिला में कुछ चिकित्सक के कारनामों से मरीज का जीवन दाव पर लग जाता है, कुछ ऐसा ही घटना घटित हुआ है। एक मरीज रेखा देवी का बेंता अवस्थित यूरो पन्ना हॉस्पिटल के डॉक्टर मोना सरावगी ने साइनेस का ऑपरेशन किया और उसकी एक आंख की रौशनी चली गई। मरीज के भाई अरुण कुमार राय ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के बाद हम लोग ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए और डॉक्टर मोना सरावगी ने नाक का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद से ही मेरी विधवा बहन के बाएं आंख की रोशनी चली गई। आंख की रोशनी चले जाने के कारण व डिप्रेशन में चली गई। मेरी बहन सिलाई कढ़ाई करके किसी प्रकार अपनी रोजी-रोटी चलाती थी। ऐसे में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक आंख की रोशनी चले जाने से उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ हुआ है। इसकी शिकायत उन्होंने लहरियासराय थाना में की है। इस संबंध में जब पन्ना यूरो एंड ईएनटी हॉस्पिटल के डॉक्टर मोना सरावगी से पूछा गया तो उन्होंने तमाम आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के इलाज में काफी रिस्क होता है। मेडिकल साइंस के मुताबिक भी आंखों की रोशनी चले जाने का अंदेशा रहता है। ऑपरेशन से पहले इस बात की जानकारी रोगी एवं परिजन को दे दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन के बाद जब मरीज की एक आंख की रोशनी चली गई तो हम लोगों ने तुरंत मरीज को आंख विशेषज्ञ के पास भेजकर जांच करवाई। चेकअप के दौरान पता चला कि आंख में किसी प्रकार की समस्या नहीं है। 15 दिनों में आंख की रोशनी वापस आ जाएगी और इलाज का खर्चा अस्पताल वहन कर रही है।
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