कोलकाता : बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस के जरिए यात्री बनकर विभिन्न सामानों की पड़ोसी देश में तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक खुफिया सूचना के आधार पर बंगाल के नदिया जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गेदे स्टेशन पर ट्रेन की तलाशी में जवानों ने करीब 37.76 लाख मूल्य के कास्मेटिक सामान, कपड़े, दवाइयां आदि जब्त करने के साथ गिरोह के 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि पकड़े गए यात्रियों में नौ भारतीय और छह बंग्लादेशी नागरिक हैं। जब्त सामानों में 36 मोबाइल फोन, 92 बोतल शराब, सिगरेट, व लेबोरेट्री में काम आने वाला सामान भी शामिल है।
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ के प्रवक्ता व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य ने बताया कि बुधवार को जवानों को खबर मिली कि कोलकाता से बांग्लादेश जाने वाली मैत्री एक्सप्रेस में यात्रियों का एक दल भारी मात्रा में कास्मेटिक का सामान और कपड़े लेकर जा रहा है। खबर मिलते ही जवानों की एक टुकड़ी तुरंत गेदे स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन के रुकते ही बीएसएफ ने आरपीएफ के साथ मिलकर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनसे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान यात्री अपने साथ लाए सामान के कोई भी वैध दस्तावेज़ नही दिखा सके। तत्पश्चात 15 यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पकड़े गए यात्रियों में भारतीय नागरिकों की पहचान सुमन दत्ता (30), मोहमद युसुफ (28), बनानी दास (50), बीरेंद्र सिंह (57), अफरीदी शेख (22), मोहमद इरसाद (29), रियाजुद्दीन (38), मोहमद सफी अमजान (29), जय चौधरी (34) के रूप में हुई। सभी कोलकाता व आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। वहीं, बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान मोहम्मद सहादत हुसैन (36), दिलावर हुसैन (40), मोहम्मद अलुद्दीन (38), मुराद गाजी (28), मोहमद फिरोज आलम (50) व देलूर हुसैन (46) के रूप में हुई है।
बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार, पकड़े गए यात्रियों ने स्वीकार किया है कि वे आसानी से पैसे कमाने के लिए सीमा पार आते-जाते रहते हैं और सामानों की तस्करी करते हैं। उन्होंने खुलासा किया कि हर ट्रिप में वे तीन से पांच हजार रुपये कमा लेते हैं। ये सामान कोलकाता के बड़ाबाजार से खरीदते हैं और ढाका, बांग्लादेश में दलालों को बेच देते हैं।
पकड़े गए यात्रियों को जब्त सामानों के साथ आगे की कार्रवाई के लिए कस्टम कार्यालय, बानपुर के हवाले कर दिया गया है।