हुगली का निवासी शोधकर्ता इजराइल में युद्ध में फसा है, परिवालो की चिंता बढ़ी. सौरव कुमार इज़राइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय में अल्जाइमर रोग पर शोध कर रहे हैं. पिछले डेढ़ साल, वह इज़राइल के वाणिज्यिक शहर तेल अवीव में है.सौरव के तरह कई भारतीय इजरायल में फसे हुए हैं. सौरव का घर भंडारहाटी, धनियाखाली, में है.
उत्तरपाड़ा में उसका परिवार रहता है.पत्नी अनिंदिता बनर्जी उत्तरपाड़ा के प्यारी मोहन कॉलेज में फिजियोलॉजी की प्रोफेसर हैं.उनकी सात महीने की बेटी अर्ना है.अनिंदिता कहती हैं कि वह बहुत चिंतित हैं। सौरव को पूजा से पहले घर लौटना था. 16 तारीख को फ्लाइट का टिकट बुक हो गया है.
युद्ध छिड़ने के कारण एयर इंडिया ने सभी उड़ानें बंद कर दी हैं. इजराइल में फंसे भारतीयों की वापसी को लेकर परिवार चिंतित है. पति से फोन पर बात हो रही है.सौरव ने उससे कहा कि विश्वविद्यालय छोड़ कर निकलना मुश्किल है. सायरन बजने पर उसे आश्रय गृह में प्रवेश करना पड़ता है. पानी और भोजन की समस्या अभी तक नही हुइ अगे पता नहीं.लेकिन उसे चिंता है कि अगर यही स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो क्या होगा. बीच-बीच में धमाके हो रहे हैं.
हमास के आतंकी अंदर आकर हमला कर रहे हैं. मिसाइलों से बम गिराए जा रहे हैं. रुक-रुक कर आवाजें सुनाई दे रही हैं. कुछ महीने पहले अनिंदिता खुद इजरायल गई थीं.वहां कई भारतीय और बंगाली हैं, ऐसे में पता नहीं वे घर कैसे लौटेंगे. सौरव की सास शुभ्रा बनर्जी ने कहा, मैं बहुत चिंतित हूं.मेरे दामाद को पूजा से पहले घर लौटना था. अब मुझे नहीं पता कि इस स्थिति में क्या होगा. भारत सरकार को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए.सौरव जैसे जो लोग वहां हैं उन्हें वापस लाए।