कोलकाता : बंगाल विधानसभा का चालू शीतकालीन सत्र इस बार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व मुख्य विपक्षी भाजपा दोनों ही दलों के अक्रामक रूख और धरना प्रदर्शन के चलते खास रहा है। दोनों दलों के धरना प्रदर्शन के कारण पिछले तीन दिनों से विधानसभा का माहौल गरमाया हुआ है। शुक्रवार को भी विधानसभा में अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला, जब भाजपा के विधायकों ने विधानसभा परिसर में आंबेडकर की मूर्ति के शुद्धिकरण के लिए गंगाजल से धोया।
विपक्ष के इस आचरण से सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी भी नाराज है। ऐसे में विरोधियों पर नकेल कसने के लिए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने शुक्रवार को नया फरमान जारी किया है, जिसमेंअब उनकी अनुमति के बिना विधानसभा परिसर में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।उनके निर्देशानुसार, अब किसी भी पार्टी के विधायक विधानसभा परिसर में नारे भी नहीं लगा सकेंगे। इसके अलावा विधायकों के जमावड़े पर भी रोक लगा दी गई है। यही नहीं मीडिया पर अंकुश लगाने की भी कोशिश की गई है।
विधानसभा परिसर में बने प्रेस कार्नर को छोड़ अब मीडिया कर्मी किसी भी स्थान पर कैमरा या मोबाइल के कैमरे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। वहीं, अध्यक्ष के इस नए फरमान का नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कड़ा विरोध किया है। सुवेंदु ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल विधानसभा में कर्फ्यू लगाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वे डर के मारे ऐसा कर रहे हैं। सुवेंदु ने कहा कि सदन से मुझे निलंबित कर दिया गया है, इसलिए बाहर धरना दूंगा। मुझे कोई रोक नहीं सकता। तृणमूल लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। विधानसभा के बाहर सड़क पर विपक्ष को पुलिस रोकती है और विधानसभा में अध्यक्ष हमारे अधिकारों का हनन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की आर्डर की कापी मिलते ही अगला कदम उठाया जाएगा। बता दें कि मनरेगा व अन्य केंद्रीय बकाया नहीं देने के खिलाफ केंद्रीय उपेक्षा पर जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस की ओर मंगलवार से ही लगातार तीन दिनों तक विधानसभा में जबरदस्त तरीके से धरना प्रदर्शन किया गया। वहीं मुख्य विपक्षी भाजपा भी पीछे नहीं रही। इसके जवाब में भाजपा विधायकों ने भी तीनों दिन विधानसभा परिसर में धरना व विरोध प्रदर्शन किया।
गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर थाली बजा कर केंद्र सराकर का विरोध जताया गया। इसके जवाब में सुवेंदु के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने थाली, बांसुरी और घंटी बजा कर प्रदर्शन किया। इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को नया निर्देश जारी किया।