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बंगाल में भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ किया

 

कोलकाता : बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में शुक्रवार को भाजपा के विधायकों ने विधानसभा परिसर में स्थित भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा व उसके आसपास वाली जगह को गंगाजल से साफ किया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने ममता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।

यह कदम 28 से 30 नवंबर तक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों व मंत्रियों द्वारा मनरेगा व अन्य केंद्रीय बकाए के खिलाफ आंबेडकर प्रतिमा के नीचे तीन दिनों तक दो-दो घंटे के लिए दिए गए धरने के जवाब में उठाया गया। बुधवार को इस धरने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं।
तृणमूल विधायकों ने बंगाल में केंद्रीय निधि जारी करने और केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन में केंद्र की भाजपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए धरना दिया था।

इस बीच आंबेडकर मूर्ति को गंगाजल से साफ करने के घटनाक्रम से क्षुब्ध होकर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विधानसभा परिसर में बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के धरना, विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी व जमावड़ा पर पूरी तरह रोक लगा दी है। बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि वह मार्शल से कहेंगे कि सुवेंदु अधिकारी से आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ करने का कारण पूछें। मैं जानना चाहूंगा कि ऐसा क्यों किया गया। दरअसल, तृणमूल के धरने के विरोध में पिछले तीन दिनों से भाजपा ने भी धरना दिया और इस दौरान दोनों दलों के विधायकों ने एक दूसरे के खिलाफ ‘चोर चोरÓ के नारे लगाए। तृणमूल ने जहां आंबेडकर प्रतिमा के नीचे बैठ कर धरना दिया, वहीं भाजपा ने मुख्य विधानसभा हाल के प्रवेश के पास धरना दिया।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि चोर ममता बनर्जी और तृणमूल के चोरों ने पिछले तीन दिनों से यहां अपनी उपस्थिति के साथ इस जगह (आंबेडकर की पवित्र प्रतिमा) को कलंकित किया है। हमने गंगाजल से साफ करके इसकी पवित्रता की रक्षा की। भाजपा विधायकों ने आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पचक्र भी अर्पित किए। दूसरी तरफ, इस कदम के खिलाफ तृणमूल ने शनिवार को पूरे राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। तृणमूल के उप मुख्य सचेतक तापस राय ने कहा कि आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ करके भाजपा ने देश में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों पर अत्याचारों तथा संविधान और लोकतंत्र की हत्या के अपने ही पापों का प्रायश्चित किया हैै। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे विधानसभा के अंदर अध्यक्ष की अनुमति के बिना ऐसी चीजें नहीं कर सकते। हमने अपने आंदोलन से पहले विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी ली थी।

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