
आसनसोल: जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल को मंगलवार को आसनसोल दक्षिण विधानसभा के चेलद क्षेत्र में तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासी अचानक उनकी कार के चारों तरफ जमा होकर जोरदार नारेबाजी करने लगे। लोगों ने पूछा— “अब तक कहाँ थीं? चुनाव से पहले ही क्यों आना पड़ा?” विरोध के बीच विधायक को लम्बे समय तक वाहन में ही रहना पड़ा।
बीजेपी का आरोप — तृणमूल की योजनाबद्ध बाधा
अग्निमित्रा पाल का कहना है कि तृणमूल पार्टी ने सोच-समझकर उनके कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न किया। बीजेपी का आरोप है कि जिला परिषद के एक सदस्य के नेतृत्व में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने स्थानीय महिलाओं को बहकाया और लगभग एक घंटे तक उनकी कार को घेरकर रखा। बीजेपी का यह भी दावा है कि बालू माफिया के विरुद्ध आवाज उठाने के बाद से ही अग्निमित्रा पाल को निशाना बनाया जा रहा है।
अग्निमित्रा ने आरोप लगाया कि पुलिस उपस्थित होने के बावजूद निष्क्रिय रही। उन्होंने कहा—
“तृणमूल मुझे रोकने की कोशिश कर रही है। मैं चार-साढ़े चार वर्ष से लगातार क्षेत्रों में जाकर जनता से जुड़ी हूँ। लेकिन तृणमूल पंचायत सदस्य सुबीर मुखर्जी मेरे काम पर सवाल खड़े करने लगे और गाड़ी का पीछा करने लगे। पुलिस सब देखती रही, पर कोई कदम नहीं उठाया।”
उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची से फर्जी नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू होने पर तृणमूल अधिक आक्रामक हो गई है।
“तृणमूल मुझे डराकर रोक नहीं सकती। राज्य में भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सेवाओं की गिरावट, शिक्षा व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, नौकरी घोटाले— इन सब पर मेरी लड़ाई जारी रहेगी।” — उन्होंने कहा।
इस घटना के प्रतिवाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं का सड़क अवरोध।
घटना के विरोध में बीजेपी समर्थक सड़क पर उतर आए और राष्ट्रीय राजमार्ग 19 जो दिल्ली और कोलकाता को जोड़ती है उसे आसनसोल के कालीपहाड़ी के नजदीक अवरुद्ध कर दिया। इसके बाद बीजेपी जिला अध्यक्ष देब्तनु भट्टाचार्य और अग्निमित्रा पाल के नेतृत्व में कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर पहुंचे। वहाँ टायर जलाकर विरोध किया गया, जिससे यातायात काफी समय तक बंद है।
तृणमूल का जवाब — “यह जनता का गुस्सा है”
तृणमूल के स्थानीय पार्षद ने सभी आरोपों को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह तृणमूल की नहीं, जनता की नाराज़गी है। जिन प्रतिनिधियों को विकास के लिए चुना गया, यदि वे जनता की समस्याओं की अनदेखी करें, तो लोग सवाल करेंगे ही। 2021 में चुनी गई बीजेपी विधायिका ने जनता के हित में कुछ नहीं किया। इसलिए लोगों ने स्वयं जाकर विरोध जताया।
आसनसोल के कालीपहाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में तनाव अब भी बना हुआ है। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाते हुए निगरानी तेज कर दी है।
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