कोलकाता, संवाददाता : बंगाल में दो साल पहले दुर्गा पूजा आयोजित करने वाली पहली राजनीति पार्टी भाजपा अगले साल से यह आयोजन नहीं करेगी। भाजपा ने 2021 के मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले 2020 में यह आयोजन शुरू किया था। भाजपा ने आधिकारिक रूप से कहा कि वित्तीय संकट पूजा को जारी नहीं रखने का कारण है। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि आतंरिक तौर पर बहस चल रही है कि क्या राजनीतिक दल को दुर्गा पूजा का आयोजन करना चाहिए और साथ ही इस पर भी चर्चा चल रही है कि पार्टी को क्या अब खुद को राज्य में बंगाली संस्कृति के प्रति सम्मान करने वाली पार्टी के रूप में साबित करने की जरूरत है, जिसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी बाहरी करार देती थी। इधर, प्रदेश भाजपा द्वारा इस साल आखिरी दुर्गा पूजा आयोजन को यादगार बनाने के लिए 28 वर्षीय गैर ब्राह्मण महिला पुजारी सुजाता मंडल को दुर्गा पूजा करने के लिए चुना गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शनिवार को इस पंडाल का उद्घाटन किया।
साल 2020 में भाजपा ने शुरू की थी दुर्गा पूजा
बता दें कि प्रदेश भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले 2020 में पहली बार कोलकाता स्थित पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) में बड़े स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया था और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आनलाइन उद्घाटन कर कार्यक्रम को संबोधित किया था। इसके बाद पिछले साल दूसरी बार पार्टी की ओर से दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया था। इधर, प्रदेश अध्यक्ष मजूमदार ने कहा, परंपरा के मुताबिक दुर्गा पूजा का आयोजन कम से कम तीन साल लगातार करना होता है। इसलिए यह हमारी आखिरी दुर्गा पूजा है और वित्तीय संकट की वजह से अगले साल से हम इसका आयोजन नहीं करेंगे।
‘राजनीतिक पार्टी का काम दुर्गा पूजा का आयोजन करना नहींÓ
वहीं, प्रदेश भाजपा की महासचिव व विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा- पूजा शुरू होने के बाद से पार्टी के भीतर पूजा आयोजित की जानी है, इसको लेकर दो विचार है। संभवत: यह विचार है कि राजनीतिक पार्टी का काम दुर्गा पूजा का आयोजन करना नहीं है बल्कि लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जन आंदोलन और राजनीतिक कार्यक्रम करना है। बता दें कि भाजपा द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा की योजना और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भाजपा की महिला मोर्चा और संस्कृति प्रकोष्ठ के पास है। इस साल की पूजा कराने की जिम्मेदारी महिला पुजारी को दिए जाने पर पाल ने कहा, भाजपा महिला सशक्तिकरण पर विश्वास करती है। अगर महिला घर में पूजा कर सकती है, तो पंडाल में क्यों नहीं? हिंदू धर्म ग्रंथों में भी कहीं नहीं लिखा है कि महिला पूजा नहीं कर सकती। साथ ही लिखा है कि ब्राह्मण कर्म से होता है जन्म से नहीं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्य इकाई को अपनी बंगाली विश्वसनीयता साबित करने के लिए दुर्गा पूजा आयोजित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मजूमदार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को 300 से अधिक विभिन्न पूजा समितियों से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला था।
तृणमूल ने साधा निशाना
वहीं, अगले साल से दुर्गा पूजा नहीं करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता व राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह साबित करता है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति लाभ लेने के लिए दुर्गा पूजा का इस्तेमाल करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वे अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल रहे और इसलिए उन्होंने आयोजन को बंद करने का फैसला किया। यह साबित करता है कि भाजपा बंगालियों की मनोस्थिति को समझने में असफल रही।