कोलकाता, संवाददाता: बंगाल में इस वर्ष दुर्गा पूजा उत्सव जोरशोर से जारी है और इस दौरान होने वाले खर्च में 20 से 30 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के कारण बीते दो साल में दुर्गा पूजा के दौरान खरीदारी में खासी गिरावट आई थी।राज्य सरकार के लिए ब्रिटिश काउंसिल द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, ‘दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था’ में राज्य के खुदरा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वर्ष 2019 में इसका योगदान 32,377 करोड़ रुपये था।दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था’ में खुदरा कारोबार की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें पंडाल बनाने, सजावट, रोशनी, मनोरंजन, विज्ञापन, भोजन और पेय तथा अन्य क्षेत्रों में होने वाला खर्च शामिल है।
‘कन्फेडरेशन आफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा कि खपत वाले कई क्षेत्रों में देखे गए रुझानों के मद्देनजर दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि अनुमानित 20 से 30 प्रतिशत रह सकती है।
वर्ष 2019 की तुलना में 2022 में दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि की उम्मीद के बीच, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी 2.4 से 2.5 प्रतिशत रह सकती है।वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान के अनुसार, पश्चिम बंगाल की जीडीपी 17,13,154 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।वहीं, ब्रिटिश काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2019 में राज्य की जीडीपी में दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत थी। बताते चलें कि वैश्विक संस्था यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिए जाने के बाद इस बार बंगाल में और बड़े स्तर पर दुर्गा पूजा आयोजित किया जा रहा है। खासकर राजधानी कोलकाता में आयोजकों ने एक से बढ़कर एक थीम पर पंडाल बनाए हैं। पंडालों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।