हावड़ा ः कुछ दिनों बाद ग्रामीण बंगाल में चुनाव है। जिले दर जिले राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान तेज हो गया है। इसी बीच हावड़ा के उदयनारायणपुर के विधायक और ग्रामीण जिला तृणमूल कांग्रेस के चेयरमैन समीर पांजा ने विवादित टिप्पणी कर दी। उदयनारायणपुर विधानसभा के बसंतपुर के वेटकेपाड़ा में तृणमूल विधायक ने पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया। वहां, तृणमूल विधायक को राज्य सरकार की ‘लक्ष्मी भंडार’ परियोजना के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते हुए सुना गया। विधायक ने व्यावहारिक रूप से चेतावनी दी कि अगर किसी ने निर्दलीय उम्मीदवार को वोट दिया तो लक्ष्मी भंडार में पैसा नहीं जाएगा। विधायक की इस टिप्पणी के बाद विवाद शुरू हो गया है। उदयनारायणपुर विधानसभा के वसंतपुर ग्राम पंचायत के वेटकेपाड़ा की सीट संख्या 167 से मैदुल इस्लाम निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं। इस बीच प्रत्याशी के लिए प्रचार जोरों पर चल रहा है। इलाके की महिला मतदाताओं को संबोधित करते हुए तृणमूल विधायक ने कहा, ‘लोगों की बात सुनकर भूलकर भी सीढ़ी पर पैर न रखें। तब तुम सीढ़ी सहित तालाब में गिरोगे। और अगर आपने सीढ़ी पर कदम रखा तो अगले महीने से आपके खाते में लक्ष्मी भंडार का पैसा नहीं आएगा।’ चुनाव प्रचार में ममता बनर्जी से लेकर अभिषेक बनर्जी तक सरकार में विकास का बखान करते वक्त हर किसी की जुबान पर ‘लक्ष्मी भंडार’ का ही जिक्र सुनाई दे रहा है। सवाल है कि विधायक ने ‘लक्ष्मी भंडार’ को बंद करने की चेतावनी कैसे दे दी। तृणमूल विधायक ने यह भी कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के लिए, आपको फूलों की जोड़ी के लिए लक्ष्मी भंडार का पैसा मिलता है। इसलिए लोगों की बात मत सुनो।’ इस टिप्पणी को लेकर उपजे विवाद को दूर करने के लिए तृणमूल विधानमंडल की ओर से भी कहा गया है। समीर पांजा का दावा है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। एक वर्ग के लोग इसकी गलत व्याख्या कर रहे हैं। विधायक ने कहा, ‘मैंने कहा था कि अगर विपक्ष सत्ता में आएगा तो क्या वे लक्षी भंडारा दे पाएंगे? इसलिए मैंने कहा कि विपक्ष को वोट दोगे तो लक्ष्मी के खजाने में पैसा नहीं आयेगा। विपक्ष ने समीर की टिप्पणी की कड़ी निंदा की। वाम मोर्चा के हावड़ा जिले के संयोजक दिलीप घोष ने कहा, ‘यह किसी का निजी पैसा नहीं है। यह जनता का पैसा है। जनता का पैसा जनता को दिया जाता है।’ दूसरी ओर, भाजपा के हावड़ा ग्रामीण जिला पंचायत के संयोजक रमेश संधुखा ने कहा, ”इस तरह की बातें कि अगर तृणमूल को वोट नहीं दिया गया तो सरकारी परियोजनाएं बंद कर दी जाएंगी, निंदनीय है। हम इस बयान का कड़ा विरोध करते हैं।
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