SONU JHA
कोलकाता : नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात 86वीं वाहिनी के जवानों ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए खून की उल्टी कर रही सीमावर्ती क्षेत्र की एक महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने में मदद की है। बीएसएफ की तत्परता से महिला की जान बच गई। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की सीमा चौकी शिकारपुर इलाके की है। सीमावर्ती गांव ढकोला की एक महिला मुक्ति महतो (50) की शाम के वक्त अचानक से तबीयत बिगड़ गई और उसे खून की उल्टी आनी शुरू हो गई। महिला के स्वजन आनन- फानन में पास ही में स्थित बीएसएफ की सीमा चौकी शिकारपुर पहुंचे और सहायता मांगी।
शिकारपुर के कंपनी कमांडर ने तुरंत एक नर्सिंग सहायक को बीएसएफ एंबुलेंस के साथ घर भेजकर महिला को तुरंत नजदीकी करीमपुर अस्पताल पहुंचाया। तुरंत उपचार होने से महिला की स्थिति अभी ठीक है। महिला के पति जयंत महतो ने बीएसएफ का आभार जताते हुए कहा कि यदि समय पर मदद नहीं मिलती तो कुछ अनहोनी भी हो सकती थी। ग्रामीणों ने भी बीएसएफ की पहल की सराहना करते हुए कहा कि वह हमेशा लोगों की हरसंभव मदद करती है, जिसकी वजह से बीएसएफ और ग्रामीणों में आपसी संबंध बहुत अच्छे हैं। दरअसल, शिकारपुर तथा उसके आसपास के गांवों में यातायात के साधनों का अभाव है, इसलिए यहां के लोग अक्सर बीएसएफ की मदद लेते हैं।