कविता हास्य परिहास दिल पर ना लें
महा कांत झा
एक अंग्रेज ट्रेन से सफ़र कर रहा था ..सामने गजोधर भैय्या बैठे थे
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अंग्रेज ने गजोधर से पूछा यहाँ कौन से स्टेट्स घूमने लायक नहीं हैं ?
गजोधर : महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, हरयाणा, और बिहार –
अंग्रेज : ‘क्यों … क्या ये पांच स्टेट्स भारत में नहीं हैं क्या ?’
गजोधर : ‘नहीं … ये खुद में महाभारत हैं ..’
अंग्रेज : ‘ओह ~~~ इन स्टेट्स में जाना डेंजरस है’
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[कुछ देर पश्चात]
अंग्रेज : ‘मैं कैसे जान सकता हूँ कि कौन सा व्यक्ति कौन से राज्य का है ?’
गजोधर : ‘बैठा रह शान्ति से … अभी दस घंटे के सफ़र में सबसे मिलवा दूंगा’
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[कुछ ही देर बाद हरियाणा का एक चौधरी मूंछों पे ताव देता हुआ बैठ गया]
गजोधर : ‘भाई ये हरियाणा है …’
अंग्रेज : ‘इससे बात कैसे करूँ ?’
गजोधर “चुपचाप बैठा रह और मूंछों पर ताव देता रह.. ये खुद बात करेगा तेरे से’
अंग्रेज ने अपनी सफाचट मूछों पर ताव दिया
चौधरी उठा और अंग्रेज के दो कंटाप जड़े – ‘बिन खेती के ही हल चला रिया है तू ?’
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थोड़ी देर बाद एक मराठी आ के बैठ गया …
गजोधर : ‘भाई ये महाराष्ट्र है …’
अंग्रेज : ‘इससे बात कैसे करूँ ?’
गजोधर : ‘इससे बोल कि बाम्बे बहुत बढ़िया ..’
अंग्रेज ने मराठी से यही बोल दिया
मराठी उठा और थप्पड़ लगाया – “साले बाम्बे नहीं मुम्बई …समझा क्या”
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गजोधर : ‘भाई ये गुजरात है …’
अंग्रेज गाल सहलाते हुए : ‘इससे कैसे बात करूँ ?’
गजोधर : ‘इससे बोल सोनिया गांधी जिंदाबाद …’
अंग्रेज ने गुजराती से यही कह दिया गुजराती ने कसकर घूंसा मारा – ‘नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद…एक ही विकल्प- मोदी’
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[थोड़ी देर बाद एक सरदार जी आकर बैठगए]
गजोधर : ‘देख भाई ये पंजाब है …’
अंग्रेज ने कराहते हुए पूछा – ‘इससे कैसे बात करूँ ..’
गजधर : ‘बात न कर बस पूछ ले कि 12 बज गए क्या ?’
अंग्रेज ने ठीक यही किया …
अंग्रेज : ‘ओ सरदार जी 12 बज गए क्या ?
सरदार जी ने आव देखा न ताव अंग्रेज को उठा के नीचे पटक दिया
सरदार : साले खोतया नू … तेरे को मैं मनमोहन लगता हूँ जो चुप रहूँगा’
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पहले से परेशान अंग्रेज बिलबिला गया … खीझ के गजोधर से
बोला : ‘सारे स्टेट्स से मिलवा दिया अब
अब बिहारी से भी मिलवा दो’
गजोधर बोला – “तेरे को पिटवा कौन रहा है..?🌹जय विहार 🌹