हावड़ा/ कोलकाता, विशेष संवाददाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला समेत अन्य भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को भाजपा के नवान्न अभियान (राज्य सचिवालय मार्च) के दौरान हावड़ा व कोलकाता रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस की अनुमति के बगैर नवान्न की तरफ कूच कर रहे नेताओं व कार्यकर्ताओं को रोके जाने पर जगह-जगह भाजपाइयों ने बैरीकेड तोडऩे की कोशिश की, जिसको लेकर पुलिस के साथ जमकर भिड़ंत हुई। हावड़ा के सांतरागाछी, हावड़ा मैदान व कोलकाता के कालेज स्क्वायर से दोपहर में मार्च शुरू होते ही दोनों पक्षों में हिंसक झड़पें शुरू हो गईं और रह-रह कर चार घंटे तक बवाल चलता रहा। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पुलिस पर ईंट-पत्थर भी बरसाए, जिसके बाद पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें की। इसमें 350 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। घायलों में कोलकाता नगर निगम की पूर्व डिप्टी मेयर व भाजपा पार्षद मीना देवी पुरोहित एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता भी शामिल हैं। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि विभिन्न जगहों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे जाने व पत्थरबाजी आदि से पार्टी के 363 कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनमें 35 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें तीन की हालत गंभीर है। उन्होंने साथ ही दावा किया कि पुलिस ने मार्च के दौरान भाजपा के 1235 कार्यकर्ताओं व नेताओं को गिरफ्तार किया है।झड़प में कई पुलिसकर्मियों भी घायल हैं। पुलिस ने दावा किया कि झड़प में एसीपी रैंक के अधिकारी समेत 27 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के आरोप में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इधर, प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता के एमजी रोड में पुलिस की गाड़ी भी फूंक दी। कोलकाता के मुरलीधर सेन लेन स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय के पास भी झड़प हुई, जिसमें पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। सुबह से ही राज्यभर में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। इससे पहले मार्च शुरू होने से पहले ही पुलिस ने द्वितीय हुगली सेतु के पास विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत हुगली से भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी, भाजपा नेता राहुल सिन्हा व अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया। ये सभी नेता मार्च की अगुआई करने संतरागाछी जा रहे थे। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं और उग्र हो गए। हालांकि देर शाम सभी को रिहा कर दिया गया।
पुलिस ने कर रखी थी कोलकाता- हावड़ा में किलेबंदी
गौरतलब है कि विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सोमवार से ही कोलकाता- हावड़ा की तरफ कूच कर रहे थे। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को ही चार दिवसीय दौरे पर जंगलमहल चली गई थीं। वहीं, इस मार्च को विफल करने के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ नवान्न जाने के रास्ते में कई किलोमीटर दूर से ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किलेबंदी कर दी थी, ताकि प्रदर्शनकारी आगे नहीं बढ़ सकें। कोलकाता व हावड़ा में 46 जगहों पर बैरिकेड लगाए गए थे और 6000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। साथ ही संबंधित इलाकों में धारा 144 भी लगा थी।
पुलिस को करनी पड़ी खासी मशक्कत
यहां तक तक सड़कों पर पांच-पांच फीट जमीन खोदकर वेल्डिंग करके ऊंची-ऊंची बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि कोई भी इसे तोड़कर आगे नहीं बढ़ सके। हालांकि इसके बावजूद पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक कि बैरकपुर से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाना पड़ा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया है कि तमाम बाधा के बावजूद लाखों लोग पहुंचे। उन्होंने आरोप लगााय कि उत्तर बंगाल समेत विभिन्न जिलों में पुलिस ने उसके लाखों कार्यकर्ताओं को रोक दिया नहीं तो और भी लोग पहुंचते। दरअसल, कार्यकर्ताओं को कोलकाता ले जा रही बसों को हावड़ा, उत्तर 24 परगना समेत अन्य जगहों पर पुलिस ने सुबह में ही रोक दिया। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने उत्तर बंगाल से लेकर अन्य क्षेत्रों से कार्यकर्ताओं व समर्थकों को लाने के लिए सात ट्रेनें भी रिजर्व की थीं। लेकिन, रेलवे स्टेशनों पर भी पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए तैयारी की थी। पिछले एक साल में भाजपा का बंगाल में यह पहला बड़ा विरोध प्रदर्शन था।
ममता ने बताया फ्लाप शो
– इधर, मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा के नवान्न अभियान को फ्लाप शो बताया है। पश्चिम मेदिनीपुर के दौरे पर गईं ममता ने जिला नेतृत्व के साथ बैठक में कहा कि लोग नहीं पहुंचे। यह मार्च बैलून की तरह फूट गया। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी कहा कि पुलिस ने भाजपा की बड़ी अशांति की योजना को विफल कर दिया।
बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही : सुवेंदु अधिकारी
इधर, मार्च से पहले हिरासत में लेने पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि दिसंबर के बाद तृणमूल सरकार नहीं रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि उन्हें व भाजपा कार्यकर्ताओं को बाधा देने वाले पुलिस अधिकारियों को जेल में घुसाएंगे।