Sonu jha
कोलकाता : बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को विपक्षी भाजपा द्वारा पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर लाए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के बीच आमना- सामना हुआ। चर्चा का जवाब देते हुए ममता ने भाजपा के हिंसा के आरोपों को खारिज करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी पर तीखा कटाक्ष किया, जिसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ।सीएम के बयान का बहिष्कार करते हुए भाजपा विधायक वाकआउट तक कर गए। ममता ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम में अपनी हार का उल्लेख करते हुए सुवेंदु से सवाल किया- क्या आप नंदीग्राम की घटना भूल गए हैं? काउंटिंग के दौरान दो घंटे बिजली बंद करके नतीजे कैसे बदल गए?
ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा धांधली करके नंदीग्राम क्षेत्र से चुनाव जीती।
ममता की इस टिप्पणी पर सुवेंदु समेत सभी भाजपा विधायक भड़क गए और नारेबाजी करने लगे। मुख्यमंत्री के भाषण का बहिष्कार करते हुए इसके बाद सभी भाजपा विधायक काले कपड़े लहराते हुए सदन से वाकआउट कर गए। हालांकि ममता ने अपना भाषण जारी रखा। नंदीग्राम सीट से ममता करीबी मुकाबले में सुवेंदु से हार गईं थीं।
भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर भी ममता की टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किया। भाजपा विधायक अंबिका राय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्थगन प्रस्ताव के मुख्य बिंदु से ध्यान हटाने के लिए नंदीग्राम मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद यह पहली बार है कि जब पार्टी की ओर से लाए गए किसी स्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी। लेकिन, मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनाव हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए नंदीग्राम का मुद्दा उठाया।
हालांकि, भाजपा विधायकों के विरोध के बाद भी मुख्यमंत्री अपनी बात पर अड़ी रहीं और अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा कि मुझे भी यह कहने और सवाल करने का अधिकार है कि बिजली कटौती के बाद नंदीग्राम में नतीजे कैसे बदल गए। मुख्यमंत्री ने कहा, अब आप सब क्यों कतरा रहे हैं?
2023 में पंचायत चुनाव हिंसा का बदला 2024 में लेगी जनता : सुवेंदु
– वहीं, बाद में पत्रकारों से बातचीत में सुवेंदु ने ममता पर पलटवार करते हुए कहा कि 2023 में पंचायत चुनाव में हिंसा का बदला जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल से सूद सहित लेगी। इससे पहले चर्चा के दौरान सुवेंदु ने विधानसभा में कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तरह त्रिस्तरीय लूट हुई। तृणमूल के गुंडों ने 20,000 से अधिक बूथों पर लूट की। बैलेट बदले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने पुलिस के साथ मिलकर हिंसा का तांडव चलाया। सुवेंदु ने कहा कि 2018 के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा का बदला बंगाल के लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटों पर जीताकर लिया। अब 2023 का बदला 2024 में होगा और भाजपा 36 सीटें जीतेगी। सुवेंदु ने राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पहली बार पंचायत चुनाव की घोषणा से पूर्व सर्वदलीय बैठक नहीं की गई। नामांकन से भी भाजपा उम्मीदवारों को रोका गया। वहीं, ममता द्वारा बंगाल में अशांति फैलाने के आरोपों पर सुवेंदु ने कहा कि भाजपा का काम समाज को जोड़कर रखना है, जबकि तृणमूल का काम विभाजन करना है।