
Aakash manna( आकाश मन्ना)
हावड़ा : जब भारतीय बच्चे रोते थे तो वे रात में चंद्रमा को देखते थे और चंद्रमा को ‘मामा’ कह कर पुकारते थे कई गीत बने फिर भी किसी ने सोचा नही था कि भारत भी एक दिन चंद्रमा पर कदम रखेगा। जो कभी कोई नहीं कर सका, वह भारत के वैज्ञानिकों ने आज कर दिखाया।

चंद्रयान कोई नया विषय नहीं है. क्योंकि अलग-अलग देश पहले भी कई बार चंद्रमा पर अपने अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्री भेज चुके हैं। भारत का पहला चंद्र मिशन 22 अक्टूबर 2008 को हुआ था और इसमें 386 करोड़ रुपये की लागत आई थी लेकिन यह किसी कारण से सफल नहीं हो सका।

भारत ने दूसरी बार चंद्र रोवर भेजा है . 22 जुलाई 2019 को और 970 करोड़ रुपये की लागत से हम फिर भी सफल नहीं हुए। चंद्रयान 3 भारत में 14 जुलाई 2023 को रिलीज़ हुआ था और इसकी लागत 615 करोड़ रुपये थी।

हमने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक कदम रख दिया है।’ यह भारत के लिए गर्व की बात है कि आज तक कोई भी अंतरिक्ष यान या अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से तक नहीं पहुंच पाया है,

जो भारत ने आज कर दिखाया है। जैसा कि कहा जाता है, हार मत मानो। हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के कारण ही आज हम चंद्रमा पर भारत का विक्रम भेजने में सक्षम हैं।

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