सनातन धर्म मे मनुष्य के अंतिम संस्कार के बाद जब तक उसकी अस्थियों को गंगा मे न प्रवाहित किया जाये तब तक उसकी मुक्ति नहीं मानी जाती है और इस देश मे ऐसे अनेक लोग है जिनकी अस्थियों को अंतिम संस्कार के बाद शमशान घाटों पा लावारिश छोड़ दिया जाता है, लेकिन दिल्ली क़ी एक संस्था श्री देवोत्थान सेवा समिति ने इन लावारिस अस्थियों को गंगा मे विसर्जित करने का बीड़ा उठाया है । पिछले 22 साल से यह काम कर रही संस्था अब तक एक लाख 61 लाख 161 ऐसे लोगो की अस्थियां को संग्रहीत करके मा गंगा में वैदिक विधिविधान के साथ विसर्जित कर चुकी है ,आज संस्था ने देश कई स्थानों से एकत्र क़ी गई करीब 5945 लोगो की अस्थियों को पूरे विधि विधान के साथ कनखल स्थित सती घाट पर गंगा मे प्रवाहित किया गया,
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