B N Jha
हावड़ा : बंगाल में कुछ माह पहले संपन्न पंचायत चुनाव के दौरान हुई भारी हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के एक-एक सदस्य को राज्य सरकार नौकरी देगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय नवान्न में हुई राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद राज्य सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। दरअसल, चुनाव संपन्न होने के बाद ही मुख्यमंत्री ने बिना राजनीतिक रंग देखे हिंसा में मारे गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पीडि़त परिवारों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया था।
उन्होंने पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरी देने का भरोसा दिया था। अब इसपर कैबिनेट की मुहर लग गई है। गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पंचायत चुनाव के नाम पर राज्य में खून-खराबा और आतंक फैलाने का आरोप लगाया था। हालांकि, ममता खुद कई बार आरोपों का खंडन कर चुकी हैं। ममता ने बार-बार कहा है कि पंचायत चुनाव में मौत को राजनीतिक करार देना ठीक नहीं है। ममता ने दावा किया था कि राज्य में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में कुल 19 लोगों की मौत हुई।
इनमें से अकेले चुनाव के दिन 15 लोगों की जान गईं। ममता के अनुसार, इनमें माकपा और भाजपा के तीन-तीन कार्यकर्ताओं जबकि बाकी तृणमूल के जमीनी कार्यकर्ता हैं। हालांकि राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा का दावा है कि पंचायत चुनाव में 55 से ज्यादा लोगों की जानें गई। वहीं, ममता का दावा है कि 71,000 बूथों में से सिर्फ तीन बूथों पर अशांति हुई थी।
इनमें दक्षिण 24 परगना का भांगड़, मुर्शिदाबाद का डोमकल और कूचबिहार शामिल है। इससे पहले पंचायत चुनाव हिंसा पीडि़तों के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। अब परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी मिलेगी।