
कोलकाता : बंगाल सरकार अब उन रूटों पर सरकारी बसों का परिचालन शुरू करने की कोशिश कर रही है, जहां निजी बस आपरेटरों ने भारी वित्तीय घाटे का हवाला देते हुए बसों का परिचालन बंद कर दिया है। राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई छोटे मार्गों पर आटो रिक्शा और मैजिक जैसे वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों को चलाया जा रहा है। यात्रियों ने भी इन वाहनों को स्वीकार कर लिया है।

ऐसे में निजी बस मालिकों को भारी नुकसान हो रहा है, लिहाजा कई पुराने रूटों पर उन्होंने अपना परिचालन बंद कर दिया है। इससे यात्रियों को दिक्कतों के साथ दूसरे वाहनों से यात्रा में अधिक किराया चुकाना पड़ता है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ऐसे मार्गों पर सरकारी बसें चलाने की योजना बना रही है। दरअसल, भांगड़ से आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने हुगली जिले में जंगीपारा से श्रीरामपुर तक बहुत पुराने बस रूट 31 को बंद करने की ओर मंत्री का ध्यानाकर्षण किया था।

इसपर परिवहन मंत्री ने कहा कि इस मार्ग पर जल्द ही बसें चलेंगी और फुरफुरा शरीफ के लिए भी बस सेवा जल्द ही शुरू की जाएगी। राज्य सरकार तीन परिवहन निगमों- पश्चिम बंगाल परिवहन निगम, दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम और उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम के लिए 275 सरकारी बसें खरीदने की प्रक्रिया में है। आगामी तीन से चार महीने में इन बसों को सड़क पर उतारने की योजना है। इन बसों में सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों के साथ डीजल चालित बसें भी शामिल हैं।

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