कोलकाता : बंगाल के 19 जिलों में 696 बूथों पर छिटपुट घटनाओं के बीच सोमवार को पुनर्मतदान हुआ। गत शनिवार जैसी कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई। पुनर्मतदान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सुबह सात बजे से शुरू हुआ। प्रत्येक बूथ पर राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों के चार जवानों की तैनाती की गई थी। कुछ बूथों पर बैलेट बाक्स के समय पर नहीं पहुंचने से मतदान देर से शुरू हुआ। वहां मतदाताओं को अतिरिक्त समय दिया गया। मालदा के गाजोल प्रखंड के रानीगंज पंचायत के दोगाची में एक बूथ में स्थानीय लोगों ने ताला जड़ दिया, जिससे मतदान रुक गया। शनिवार को भी वहां मतदान नहीं हो सका था। स्थानीय लोगों ने सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। नदिया जिले के तेहट्ट में एक सड़क सुबह अवरुद्ध कर दी गई, हालांकि बाद में पुलिस ने अवरोध हटा दिया। पूर्व मेदिनीपुर जिले के मयना में एक बूथ के बाहर मतदाताओं ने प्रदर्शन किया। मुर्शिदाबाद में सर्वाधिक 175, मालदा में 109, नदिया में 89 कूचबिहार में 53, उत्तर चौबीस परगना में 46, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण चौबीस परगना में 36, पूर्व मेदिनीपुर में 31 और हुगली में 29 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ।
भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि आयोग ने जिन बूथों पर पुनर्मतदान की घोषणा की, उसकी सूची तृणमूल द्वारा सौंपी गई थी। भाजपा की सूची को नजरंदाज कर दिया गया।