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पंचायत चुनाव में वोट लूटे गए तो विपक्ष ने इतनी सीटें कैसे जीतीं : ममता

 

Sonu jha

कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को पंचायत चुनाव में हिंसा पर भाजपा द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि वोट लूटे गए तो विपक्ष ने इतनी सीटें कैसे जीतीं। ममता ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के दावों का खंडन करते हुए दावा किया कि राज्य के केवल सात जगहों पर हिंसा हुई। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष सभी 22 जिलों में राजनीतिक संघर्ष के बारे में चिल्ला रहा है।

मुख्यमंत्री ने सुवेंदु का जिक्र करते हुए कहा, चर्चा में हिस्सा लेने वाले पिछले वक्ता जो पहले तृणमूल में थे, ने कुछ आंकड़े पेश किए लेकिन पिछले वाम शासन के दौरान हुए चुनावी अत्याचारों के बारे में उन्होंने कभी बात नहीं की। ममता ने कहा कि वामपंथी शासन में विपक्षी उम्मीदवारों को चुनावों में नामांकन तक नहीं करने दिया जाता था। उन्होंने दावा किया कि इस वर्ष पंचायत चुनाव में रिकार्ड संख्या में लगभग 2.32 लाख नामांकन जमा किए गए, जिनमें से भाजपा ने लगभग 55,000 नामांकन दाखिल किए। इस साल चुनाव में 87 प्रतिशत नामांकन हुए, जबकि पिछली बार 2018 में 65 प्रतिशत नामांकन हुआ था।
ममता ने कहा- तृणमूल ने 7855 पंचायत समिति सीटें जीतीं और भाजपा ने 1074 सीटें जीतीं। जिला परिषद में तृणमूल ने 879 सीटें जीतीं, भाजपा ने 31, कांग्रेस ने 14 सीटें जीतीं। उन्होंने सवाल किया- वोट लूटे गए तो विपक्ष ने इतनी सीटें कैसे जीतीं?
ममता ने तर्क दिया कि हम जिन विकास कार्यक्रमों को लागू करने में सक्षम हुए, उसके लिए लोगों ने चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीताकर हमें पुरस्कृत किया।

 

सीएम ने कहा- सुवेंदु का नाम लेने में शर्म आती है

ममता ने विशेष रूप से सुवेंदु को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि झूठी कहानी फैलाई जा रही है कि बंगाल हिंसा का केंद्र है। या तो उनके (भाजपा नेता) दिमाग में कुछ गड़बड़ है या फिर केंद्र को खुश करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा फर्जी खबरों और फर्जी वीडियो पर भरोसा करती है। उन्होंने सुवेंदु पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग खुद को बड़ा नेता मानते हैं वे अपने ही जिलों में बुरी तरह हार गए हैं। नंदीग्राम में ही हार का अंतर 10,000 वोटों से ज्यादा है। ममता ने सुवेंदु का नाम तक लेने से इन्कार करते हुए कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहती क्योंकि मुझे ऐसे नाम लेने में शर्म आती है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मणिपुर में जातीय संघर्ष का भी जिक्र किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- आप मणिपुर से इतना डरते क्यों हैं? इधर-उधर टीमें भेजने की बजाय मणिपुर का दौरा करें। आप पैसे के बदले उपहार स्वीकार करते रहते हैं जबकि मणिपुर और मिजोरम जल रहा है। बता दें कि बंगाल सरकार ने पहले ही 31 जुलाई को विधानसभा में मणिपुर हिंसा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की घोषणा की है।

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