पटना : नीतीश सरकार से बर्खास्त करवाने के बाद भी बीजेपी की मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के प्रति तल्खी कम नहीं हुई है. बीजेपी अब मंत्री रहते हुए मुकेश सहनी के लिये गए निर्णय पर पुर्नविचार की तैयारी करवा रही है. मुकेश सहनी की बर्खास्तगी के बाद पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का प्रभार उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को दिया गया है. पशुपालन मंत्रालय का प्रभार मिलने के बाद तारकिशोर प्रसाद ने मंगलवार को बिहार (Bihar) भर के मछुआरा समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस मुलाकात के दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और उपमुख्यमंत्री रेनू देवी भी वहां मौजूद रहीं।
संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य में मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय मुकेश सहनी ने मंत्री रहते हुए 15 मार्च को लिया था, उससे परंपरागत मछुआरों को काफी परेशानी होगी. इसे जल्द बदला जाएगा और पहले जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चलेगी.
उन्होंने कहा कि मछुआरा सहयोग समिति में मछुआरा समाज के ही लोग होते थे, लेकिन मुकेश सहनी ने उस सहयोग समिति में सभी जिलों में सरकारी अधिकारी के रहने की बात कही थी. इसको लेकर हमने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को एक पत्र लिखा है और मांग की है कि मछुआरों के सहयोग समिति को पहले जैसा बनाया जाये जिसमे कोई सरकारी दखलअंदाजी नहीं हो. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने इस बात को माना है, और हमें उम्मीद है कि मछुआरा सहयोग समिति जो हर जिलों में होती है, जल्द पहले जैसे होगी. कहीं से भी परंपरागत मछुआरे के कार्य में कोई सरकारी दखल नहीं होगा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि मंत्री रहते हुए मुकेश सहनी ने मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय लिये थे, वो बिल्कुल गलत थे. भारतीय जनता पार्टी शुरू से इसका विरोध करती रही है. अभी उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पास पशुपालन विभाग का प्रभार है, हम चाहेंगे कि पहले का जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चले जिससे कि परंपरागत मछुआरों को कोई दिक्कत नहीं हो।