कोलकाता, विशेष संवाददाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 68वीं वाहिनी के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बार फिर तस्करी को नाकाम करते हुए 81 सोने के बिस्कुटों की बड़ी खेप जब्त करने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। सोने की बांग्लादेश से भारत में तस्करी की जा रही थी। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। इसमें बताया गया कि जब्त सोने का वजन 9.792 किलोग्राम है, जिसका बाजार मूल्य पांच करोड़ दो लाख रुपये से अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि एक पुख्ता सूचना के आधार पर विशेष अभियान चलाकर बीएसएफ की सीमा चौकी रनघाट के जवानों ने अपने इलाके से रविवार को सोने के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए तस्कर का नाम नाजिम मंडल (31) है। वह उत्तर 24 परगना जिले के कुलिया गांव का रहने वाला है। बीएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार, पूछताछ में उसने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप खेती करने गया था। जहां एक बांग्लादेशी तस्कर ने उसे सोने के ये बिस्कुट दिए, जिनको लेकर वह अपने गांव की ओर आ रहा था, तभी बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया।गिरफ्तार तस्कर को जब्त सोने के साथ आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए कस्टम विभाग, बगदाह को सौंप दिया गया है।
चार दिन के भीतर बीएसएफ ने सोने की तीसरी बड़ी खेप पकड़ी
बीएसएफ की ओर से बताया गया कि चार दिन के भीतर 68वीं वाहिनी ने सोने की यह तीसरी बड़ी खेप पकड़ी है।
इससे पहले सात सितंबर को सीमा चौकी मामाभागिना के जवानों ने स्प्रे मशीन में छिपाकर की जा रही तस्करी को नाकाम करते हुए 2.216 किलोग्राम वजन के 19 सोने के बिस्कुट जब्त किए थे। इसकी कीमत एक करोड़ 14 लाख रुपये आंकी गई थी।इसके बाद नौ सितंबर को मामाभागिना इलाके से ही दवा के बोतल में छिपाकर तस्करी की जा रही 2.450 किलोग्राम वजन के 21 सोने के बिस्कुटों को जब्त किया था, जिसकी कीमत एक करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक थी। अधिकारियों ने बताया कि सतर्क जवान
लगातार तस्करों के मंसूबों को नाकाम कर सोने की जब्ती करने में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।इधर, इस सफलता पर 68वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर योगेन्द्र अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने बताया कि भारत- बांग्लादेश सीमा पर तस्कर दिन प्रतिदिन नए तरीके से तस्करी करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारे जवानों की सतर्कता के कारण उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाते।