कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि अगर भाजपा वंशवाद की राजनीति समाप्त करने के लिए विधेयक लाती है तो वह उसका समर्थन करने वाले पहले व्यक्ति होंगे। अभिषेक ने राजनीतिक कारणों से भाजपा व केंद्र पर उन्हें लगातार निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा। आठ जुलाई को राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर कोलकाता प्रेस क्लब द्वारा आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अभिषेक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा पर भ्रष्टाचार व वंशवाद के मुद्दे पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। अभिषेक ने कहा- पीएम मोदी व भाजपा के नेता विपक्षी दलों पर वंशवाद का लगातार आरोप लगाते हैं। भाजपा अक्सर दावा करती है कि वंशवाद की राजनीति लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन है। लेकिन भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे व परिवार के लोग राजनीति में हैं, इसपर वे क्यों नहीं बोलते हैं। अभिषेक ने चुनौती देते हुए कहा- यदि दम है तो भाजपा वंशवाद की राजनीति समाप्त करने के लिए संसद में विधेयक लाए, मैं सबसे पहले उसका समर्थन करूंगा।
महाराष्ट्र के हालिया सियासी घटनाक्रम का जिक्र करते हुए अभिषेक ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की गारंटी देने का दावा करते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसे अपराधों में लिप्त भाजपा नेताओं के खिलाफ कभी कोई कदम नहीं उठाया।
अभिषेक ने इस दौरान मनरेगा सहित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का बंगाल का बकाया को लेकर भी केंद्र पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि भाजपा 2021 का बंगाल विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी, इसी के चलते वह हार के बदले के रूप में केंद्रीय योजनाओं का पैसा रोककर बंगाल के लोगों के खिलाफ एक तरह के युद्ध की घोषणा की। अभिषेक ने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल के लोगों से नफरत करती है। उन्होंने लोगों से पंचायत चुनाव में वोट के जरिए भाजपा को इसका सबक सिखाने की अपील की।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन पर देश में जारी बहस के बीच अभिषेक ने स्पष्ट कहा कि तृणमूल ऐसी किसी भी चीज का समर्थन नहीं करेगी जो लोकतंत्र के सार और संविधान की भावना को नुकसान पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा- भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है, न कि एकरूपता के लिए। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले विधि आयोग ने भी कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है। वहीं, पंचायत चुनाव में हाई कोर्ट द्वारा केंद्रीय बलों की तैनाती के फैसले का भी अभिषेक ने स्वागत किया। उन्होंने कहा- तृणमूल को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
दूसरी तरफ, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दिसंबर, 2020 में तृणमूल नहीं छोडऩे के लिए ममता सरकार द्वारा उन्हें उप मुख्यमंत्री पद का आफर दिए जाने के दावे पर भी अभिषेक ने पलटवार किया। अभिषेक ने तंज कसते हुए कहा कि सुवेंदु पांच लाख के नेता हैं, जिन्हें नारद स्टिंग कांड में कैमरे पर पैसे लेते देखा गया था। इस बीच सुवेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में हिंसा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एक साथ खड़े होने का आह्वान किया है।समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन पर देश में जारी बहस के बीच अभिषेक ने स्पष्ट कहा कि तृणमूल ऐसी किसी भी चीज का समर्थन नहीं करेगी जो लोकतंत्र के सार और संविधान की भावना को नुकसान पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा- भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है, न कि एकरूपता के लिए। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले विधि आयोग ने भी कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है। वहीं, पंचायत चुनाव में हाई कोर्ट द्वारा केंद्रीय बलों की तैनाती के फैसले का भी अभिषेक ने स्वागत किया। उन्होंने कहा- तृणमूल को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
दूसरी तरफ, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दिसंबर, 2020 में तृणमूल नहीं छोडऩे के लिए ममता सरकार द्वारा उन्हें उप मुख्यमंत्री पद का आफर दिए जाने के दावे पर भी अभिषेक ने पलटवार किया। अभिषेक ने तंज कसते हुए कहा कि सुवेंदु पांच लाख के नेता हैं, जिन्हें नारद स्टिंग कांड में कैमरे पर पैसे लेते देखा गया था। इस बीच सुवेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में हिंसा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एक साथ खड़े होने का आह्वान किया है।