Sonu jha
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय व राज्य स्तर के विभिन्न राजमार्गों के साथ ही व्यस्त मुख्य सड़कों पर अब आटो व टोटो (ई रिक्शा) को नहीं चलने दिया जाएगा।
इसके लिए राज्य परिवहन विभाग की ओर से जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा। राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सोमवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि बेरोजगार युवाओं के लिए आटो, टोटो रोजगार का एक बड़ा साधान हैं, पर इन छोटे वाहनों की वजह से निजी बसों को नुकसान पहुंच रहा है।
साथ ही जाम की समस्याएं भी उत्पन्न हो रही है। निजी बसों को लोकल पैसेंजर नहीं मिल रहे हैं। मंत्री ने बताया कि स्कूल, कालेज, बाजार या एक से दो स्टाप पर जाने के लिए स्थानीय लोग आटो, टोटो का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस वजह से लंबी दूरी तय करने वाली बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से कई रूटों पर निजी बसों का परिचालन तक बंद हो चुका है। इस वजह से अब बड़ी सड़कें और राजमार्गों पर उक्त छोटे वाहनों को चलने की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि इन जगहों पर छोटे वाहनों के परिचालन को बंद किये जाने के लिए राज्य भर के नगर निकायों और पंचायतों के लिए विभाग की ओर से जल्द निर्देशिका जारी किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य में कई नये रूट भी बनाये गये हैं।
नये और बंद हो चुके रूटों पर निजी बसों के परिचालन के लिए विभाग परमिट देने को तैयार हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य में कुल 2400 सरकारी और 36 हजार निजी बसों का परिचालन हो रहा है।
सरकारी बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर :
परिवहन मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार हम 15 साल व इससे अधिक पुराने सरकारी बसों का परिचालन नहीं कर सकते। इस वजह से कोलकाता समेत राज्य भर में सरकारी बसों की संख्या घट गई है।
2030 तक पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार ई-बसों के परिचालन पर जोर दे रही है। उन्होंने बताया कि 1180 ई बसों को खरीदने के लिए राज्य परिवहन विभाग का टाटा समूह के साथ एक समझौता भी हुआ है।